रीवा। रीवा में पांचवे रीजनल इंडस्ट्री कोंक्लेव का आयोजन बुधवार 23 अक्टूबर को किया जा रहा है। इसमें चार हजार पंजीयन हुए है। जिसमें पचास से अधिक प्रमुख निवेशक आएंगे। साथ ही तीन हजार से अधिक एमएसएमई प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। निवेश ऊर्जा,खनन,कृषि, और खाद्य प्रसंस्करण पर्यटन एवं हस्तशिल्प में निवेश करेंगे। आयोजन में उत्तर प्रदेश,गुजरात,राजस्थान,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र हरियाणा सहित दस राज्यों के निवेशक शिरकत करेंगे। अब तक यह सबसे बड़ी बायर सेलर मीट है। एक तरीके से अनूठे अवसरों की भूमि द वाइब्रेंट रीवा में होने जा रहा है।
पत्रकार वार्ता में एमपीआईडीसी के ई.डी सुविध शाह ने यह बात कही। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किया है। जिसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है। स्थानीय व्यापारियों को बाहरी राज्यों के व्यापारियों से सीधे मिलकर व्यापारिक अवसरों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा।
औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना
इस संतुलित और समावेशी विकास यात्रा को आगे बढ़ाते हुए और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा 23 अक्टूबर 2024 को रीवा में पांचवे रीजनल इंडस्ट्री कोंक्लेव आरआईसी का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में सफलतापूर्वक हुए पिछले सम्मेलनों की श्रृंखला का पाँचवाँ आयोजन होगा जिसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देना है।
चार हजार से अधिक पंजीयन
यह आयोजन विंध्य क्षेत्र के हृदय में स्थित रीवा में कृष्णा राज कपूर आडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा। इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु 4000 से अधिक रजिस्ट्रेशन विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा किए गए है। कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रमुख उद्योगपति 3000 से अधिक एमएसएमई प्रतिभागी शामिल होंगे। इनका मुख्य ध्यान ऊर्जाए खननए कृषिए डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण पर्यटन एवं हस्तशिल्प क्षेत्रों में निवेश पर होगा। देश के दस राज्यों से व्यापारियों की सहभागिता इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण मंच बना रही है।
क्षेत्रीय क्षमता को प्रोत्साहित करना
इस बायर सेलर मीट न केवल स्थानीय व्यापारिक अवसरों को प्रोत्साहन देगी बल्कि स्थानीय उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने का भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी। व्यापारियों के बीच सीधे संवाद हो सकेगा। यह सम्मेलन विचारों ,नवाचारों और निवेशों के आदान प्रदान का एक मंच होगा। जहां मध्यप्रदेश को एक तेजी से विकसित होते औद्योगिक केन्द्रों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय क्षमता को प्रोत्साहित करना और औद्योगिक विकास में असंतुलन को दूर करना है। कोक्लेव का उद्देश्य क्षेत्रीय एमएसएमई को सशक्त करना और निवेशकों को आकर्षित कर क्षेत्रीय विकास को गति देना है।
निवेश अवसरों पर चर्चा
श्री शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोंक्लेव में नवीनीकरणीय ऊर्जा सेक्टर पर एक राउंड टेबल सत्र आयोजित किया जाएगा। साथ ही चार थीमेटिक क्षेत्रीय सत्र भी होंगे। जिनमें एमएसएमई और स्टार्ट अप्स,खनन एवं खनिज,पर्यटन एव कुटीर उद्योगों में निवेश अवसरों पर चर्चा होगी।