
Why mohan government imposed a fine 443 crore 0n BJP MLA
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अपने ही पार्टी के विधायक पर अवैध उत्खनन के मामले में 443 करोड़ रुपये का भारीभरकम जुर्माना लगाया है।मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेसी विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए यह जानकारी लिखित में दी।मामला कटनी के विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी खदानों का है।
जरूरत से ज्यादा अवैध खनन का आरोप
आरोप है कि विधायक संजय पाठक की जबलपुर के सिहोरा में निर्मला मिनरल्स आनंद माइनिंग और पैसिफिक एक्सपोर्ट के नाम से तीन खदानें हैं।इन सभी खदानों में जमकर अवैध उत्खनन हुआ है।दरअसल शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ने मार्च 2025 में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि संजय पाठक से जुड़ी तीनों कंपनियों से स्वीकृत से अधिक मात्रा में अवैध उत्खनन किया गया है।
तीनों कंपनियों पर 443 करोड़ की वसूली
इस शिकायत के बाद 23 अप्रैल को एक जांच टीम बनाई गई। जांच टीम ने 6 जून को रिपोर्ट शासन को सौंपी। जिसमें तीनों कंपनियों पर 443 करोड़ की वसूली निकाली गई। इस कार्रवाई के बाद संजय पाठक और उनकी कंपनियों से जुड़े अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि कंपनी के अधिकारियों की तरफ से एक लेटर जरूर जारी किया गया है। जिसमें यह दलील दी गई है कि उनकी कंपनी 70 सालों से माइनिंग के कारोबार में है। कंपनियों द्वारा कोई अवैध उत्खनन नहीं किया गया। जांच दल के अधिकारियों ने बिना मौके पर जाए गलत रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई
दरअसल विधानसभा में कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह और हेमंत कटारे की ओर से सवाल पूछा गया था कि शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित की शिकायत पर गठित जांच दल की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई हुई।जिसके जवाब में मुख्यमंत्री डाॅमोहन यादव ने लिखित जानकारी देकर 443 करोड़ के जुर्माने की पुष्टि की।
अवैध उत्खनन जांच में सही पाया गया
बता दें कि भारतीय खनन ब्यूरो के अधिकारियों ने सैटेलाइट डेटा और अन्य साक्ष्यों के आधार पर शिकायत की जांच की और अवैध उत्खनन की जांच को सही पाया। कटनी के विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक एक बड़े माइनिंग कारोबारी हैं। इनके पिता स्वर्गीय सतेंद्र पाठक बड़े कांग्रेसी नेता थे और दिग्विजय सरकार में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री भी रह चुके हैं।
संजय इसलिए बीजेपी में गए
बता दें कि सन 2013 के पहले संजय पाठक भी कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने कांग्रेस विधायक रहते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद संजय पाठक ने दोबारा चुनाव लड़ा और बीजेपी से विधायक बने।इस दौरान यह भी चर्चा थी कि अपने माइनिंग कारोबार को बचाने के लिए संजय पाठक ने बीजेपी का दामन थामा है।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों में दिक्कतें
इस दौरान बीजेपी विधायक संजय पाठक की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें वह यह कहते हुए साफ तौर पर नजर आ रहे हैं कि पिछले दो सालों से वह परेशानियों का सामना कर रहे हैं।इसके पहले 15 महीने की कांग्रेस सरकार में भी उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।विधायक के इस बयान के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं।