
who sought compensation in buffalo dead due to doctors negligence
राष्ट्रमत न्यूज बालाघाट(ब्यूरो)। जिले के ग्राम बल्लारपुर में एक गरीब ग्रामीण सुदराम पिता नेवलसिंह दमाहे की भैंस की मौत पशु चिकित्सा विभाग की लापरवाही के चलते हो गई। इस घटना ने पशु चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। पीड़ित सुदराम ने बताया कि उसकी भैंस कुछ माह पहले बीमार हो गई थी। जिसके इलाज के लिए उसने 1962 पशु हेल्पलाइन नंबर पर काल किया। वहां से सरकारी टीम ने इलाज का आश्वासन दिया। उसे दवाइयों के लिए लगभग 2000 रुपये खर्च करने को कहा गया।
उपचार नहीं मिलने से भैंस मर गयी
सुदराम ने जैसे-तैसे रकम जुटाकर दवाइयां खरीदीं,लेकिन बार-बार काल करने के बावजूद कोई डाॅक्टर उसके घर नहीं पहुंचा। आखिरकार जब उसने गांव के एक निजी पशु चिकित्सक लोकेश ठाकरे से संपर्क किया तो उन्होंने सरकारी निर्देशों का हवाला देते हुए इलाज करने से मना कर दिया। नतीजतन समय पर उपचार नहीं मिलने से भैंस की मौत हो गई।
डाॅक्टर से मुआवजा दिलाएं
सुदराम का कहना है कि उसकी भैंस की कीमत लगभग 65000 रुपए थी और वह रोजाना 10 लीटर दूध देती थी। जिसे बेचकर उसका घर चलता था। अब उसकी रोजी.रोटी पर संकट आ गया है। इस घटना से आहत होकर सुरराम ने कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। उसका साफ कहना है कि उसे शासन से नहीं, बल्कि जिस डाॅक्टर की लापरवाही की वजह से उसकी भैंस की मौत हुई है उसी से उसे मुआवजा राशि चाहिए। ताकि वह दोबारा अपने जीवन को पटरी पर ला सके।