
Who looks at his wife for 8 hours? go to office
नई दिल्ली। हाल ही में इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। नारायण मूर्ति की इस बात पर खूब बहस हुई। अब लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने भी 90 घंटे काम करने का बयान दिया है।
कर्मचारियों के नाम पर एक वीडियो संदेश में सुब्रमण्यन ने अजब सलाह दे डाली कि उन्होंने लिखा, घर पर छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है। आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो।
मुझे खेद है
कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए। वीडियो में जब उनसे पूछा गया कि एलएंडटी अपने कर्मचारियों से शनिवार को काम क्यों करवाता है। सुब्रमण्यन ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मुझे खेद है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं आपको रविवार को काम करवा पाऊं तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को भी काम करता हूं।
दीपिका ने क्यों कहा
दीपिका पादुकोण ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर पत्रकार फेय डिसूजा का एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, एक ऐसा आदमी, जो इतने बड़े पद पर बैठा है, उसका इस तरह का बयान देने काफी हैरान करने वाला है। इस पोस्ट में उन्होंने #mentalhealthmatters के हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है। ये साफ है कि दीपिका इस हैशटैग के जरिए ये कहना चाहती है कि मेंटल हेल्थ बेहद जरूरी है।
रिपोर्ट के अनुसार
BetterUp पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के केवल 21% कर्मचारी ही यह रिपोर्ट करते हैं कि वे पूरे दिन प्रोडॅक्टिव बने रहते हैं। 8 घंटे के कार्यदिवस में औसत वास्तविक उत्पादक समय 2 घंटे और 53 मिनट है। यही स्थिति दुनिया के बाकी देशों में कर्मचारियों की भी रही है।
स्ट्रोक और हार्ट अटैक का जोखिम
शोध से यह भी पता चलता है कि अधिक काम करने से हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को कितना नुकसान हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अध्ययन में पाया गया है कि हर हफ्ते औसतन 55 घंटे या उससे ज्यादा काम करने से स्ट्रोक का जोखिम 35 प्रतिशत और दिल की बीमारी से मरने का जोखिम 17 प्रतिशत बढ़ जाता है, जबकि औसतन 35-40 घंटे काम करने से यह जोखिम मामूली रहता है।
वर्क फ्रॉम होम से बढ़ती है जीडीपी
2020 में जब पूरी दुनिया में कोरोना का माहौल चल रहा था तो उस समय काम की उत्पादकता बढ़ गई थी, क्योंकि उस वक्त ज्यादातर लोग घर से ही काम करते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कर्मचारी सप्ताह में 1-2 बार दूर से काम करना जारी रखते हैं तो उस देश की जीडीपी बढ़ सकती है।
काम के घंटे और उत्पादकता के बीच संबंध
लंबे समय तक काम करने से उत्पादकता बढ़ेगी, लेकिन डेटा इसके विपरीत संकेत देते हैं। कई कॉरपोरेट अधिकारियों को 40 घंटे के कार्यदिवस के कारण यह विश्वास हो गया है कि अधिक घंटे काम करने का मतलब है अधिक उत्पादन। हालांकि, हमेशा ऐसा नहीं होता है। उत्पादकता और खर्च किए गए घंटों के बीच के संबंध को समझने के लिए उत्पादक समय का संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए, वह अवधि जब टीम का सदस्य अपने काम के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध होता है और प्रभावी ढंग से कार्यों को पूरा करने में सक्षम होता है, वह सबसे महत्वपूर्ण है।