
We women will be able to start our startup
बालाघाट। जिले के पहाड़ी व दुर्गम जनजातीय क्षेत्र कन्दई में रहने वाली महिलाओं में अंजनी मेरावी अब बांस से आकर्षक फ्लॉवर पॉट बनाना सीख गई है। उनके साथ ही ललिता टेकाम भी मोबाइल कवर के साथ ही पेन स्टैंड और ट्रे बनाना सीख चुकी है। इसके अलावा बांस शिल्प के अनेक अलंकारी आईटम जो घरों की शोभा बढ़ाते है। ऐसे अनेक शिल्प 13 दिनों में एक प्रशिक्षण के माध्यम से सिखाया गया है। प्रशिक्षण के बाद 29 महिलाओं ने बकायदा इसकी परीक्षा भी दी। इसमें से 23 महिलाओं ने परीक्षा पास करने के उपरांत प्रमाण पत्र पाएं।
कई आइटम बनाना सीखाया गया
इस प्रमाण पत्र के आधार पर अब उन्हें बैंक से आवश्यक लोन प्राप्त करने में मदद करेगा। यानी कि अब ये महिलाएं शासन के सहयोग से अपना स्टार्टअप भी प्रारम्भ कर सकेगी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बैहर जनपद के कन्दई गांव में पीवीजीटी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया था। 23 दिनों तक हर दिन 8 घण्टे के प्रशिक्षण में बांस और बेत से बनने वाले फर्नीचरों में सजावटी सामान, गुलदस्ते, मजबूत कुर्सियां, खिलौने, पानी की बोतलें, मोबाइल कवर, फ्लॉवर पॉट, ट्रे, पेन स्टैंड आदि आईटम बनाना सिखाया गया।
बैंक से लोन प्राप्त कर सकेगी
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं से आरएसईटी के निर्देशक एसबी भोंडेकर ने कहा कि अब आप जो भी अपना स्वरोजगार स्टार्ट करना चाहते है, वे बैंक के माध्यम से लोन प्राप्त कर सकेगी। यह प्रशिक्षण रोहन बारमाते, अंकित लिल्हारे, ईडीपी असेसर सतीश सिंगोरे, एनआरएलएम जिला प्रबंधक स्किल दिलीप सिंह, एबीएम प्रशांत कोल द्वारा प्रदान किया गया।
आयोजित हुआ प्रशिक्षण
पीवीजीटी की महिलाओं के आयोजित प्रशिक्षण आरसेटी संस्था और एनआरएलएम द्वारा आयोजित किया गया। एनआरएलएम के स्किल प्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण महिलाओं में आर्थिक विकास में अवश्य बढ़ावा देगी। ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एनआरएलएम द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहें है।