
- वेल्लोर में 150 परिवारों को वक्फ जमीन खाली करने का नोटिस मिला।
- ग्रामीण बोले – चार पीढ़ियों से रह रहे, आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर।
- हिंदू संगठनों ने समर्थन देते हुए प्रशासन से स्वामित्व प्रमाणपत्र की मांग की।
तमिलनाडु । राज्य में जमीन से जुड़ा वक्फ विवाद एक बार फिर चर्चा में है। वेल्लोर जिले के कट्टुकोलाई गांव के करीब 150 परिवारों को नोटिस भेजकर अपनी जमीन और घर खाली करने को कहा गया है। यह नोटिस फरवरी में सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह के नाम से जारी हुआ था, जिसमें दावा किया गया कि जिस जमीन पर ग्रामीण रहते हैं, वह दरगाह की है और वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में आती है।
नोटिस के मुताबिक, ग्रामीणों को वक्फ बोर्ड के साथ समझौता करने और दरगाह प्रबंधन को किराया देना शुरू करने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर जमीन को अवैध अतिक्रमण मानते हुए उसे खाली कराने की चेतावनी दी गई है। इससे गांव में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वे चार पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और उनकी आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर है।
जिला प्रशासन से मदद की अपील
परिस्थितियों से परेशान ग्रामीणों ने वेल्लोर के जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सरकारी हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने जमीन से जुड़े अपने दस्तावेज भी प्रशासन को सौंपे हैं। एक स्थानीय किसान ने कहा, “यह जमीन हमारी आजीविका का एकमात्र साधन है। अब हमें इसे खाली करने या किराया देने के लिए कहा जा रहा है, जिससे पूरा गांव तनाव में है।”
हिंदू संगठनों ने भी उठाई आवाज
इस मुद्दे में हिंदू मुन्नानी समेत कुछ संगठनों ने भी ग्रामीणों का साथ देते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है। संगठन के एक नेता महेश ने कहा, “गांव के लोग दशकों से वैध दस्तावेजों के साथ यहां रह रहे हैं। अब अचानक सर्वे नंबर 330/1 को वक्फ भूमि बताया जा रहा है। प्रशासन को निवासियों को जमीन का आधिकारिक स्वामित्व प्रमाणपत्र (पट्टा) देना चाहिए।”
पहले भी उठ चुका है विवाद
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब इससे पहले तिरुचेंदुरई गांव में भी वक्फ भूमि को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। वहां वक्फ बोर्ड ने करीब 480 एकड़ जमीन पर दावा किया था, जिसमें एक प्राचीन चोल कालीन मंदिर भी शामिल था। उस समय भी निवासियों को वक्फ बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के बिना जमीन का सौदा करने से रोका गया था। हालांकि, बाद में राज्य सरकार के हस्तक्षेप से मामला सुलझा और यथास्थिति बहाल की गई।