
Vijay shahs arrest stopped,SIT will investigate
राष्ट्रमत न्यूज,नई दिल्ली (ब्यूरो)। भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह की माफी सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। अभी विजय शाह मंत्री बने रहेंगे। मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी। इसके साथ ही मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम SIT का गठन किया है। इसमें तीन आईएएस अधिकारी होंगे और सभी मध्य प्रदेश कैडर से बाहर के होंगे। इनमें एक अधिकारी महिला होगी।
क्लाइंट ने माफी मांग ली है
सुनवाई के दौरान शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है। इस पर कोर्ट ने कहा कि कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है, तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। आपका क्या मतलब है? जिस तरह के भद्दे कमेंट उन्होंने किए वह भी बिना सोचे-समझे…अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं।दरअसल, 14 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद नोटिस लेते हुए शाह पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। उनके खिलाफ इंदौर के महू थाने में FIR दर्ज की गई। इसके खिलाफ शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बोलने से पहले शब्दों को तौलना था
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले में मंत्री की माफी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने आगे कहा, “आप एक सार्वजनिक चेहरा हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। हमें आपके वीडियो यहां चलाने चाहिए। यह सेना के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें इस मामले में बेहद जिम्मेदार होना होगा।”
अगली सुनवाई 28 मई को
कोर्ट ने आने आदेश में प्रदेश के DGP को 20 मई की रात 10 बजे से पहले SIT बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक SIT जांच चलती है। याचिकाकर्ता (शाह) को जांच में शामिल होने और पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। साथ ही उसकी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
हम माफी खारिज करते हैं
जस्टिस कांत: आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।जस्टिास कांत: अगर यह (माफी वाला वीडियो) आपका सच्चा खेद है, तो हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। यह सिर्फ बचने का एक तरीका है। इससे कहीं नहीं पता चलता कि आप यह मानने के लिए तैयार हैं कि आपने भावनाओं को ठेस पहुंचाई। आप लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपको एक मिसाल पेश करना चाहिए।
शर्म मगर इन्हें आती नहीं
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने X पर लिखा- भाजपा सरकार में मंत्री खुलेआम सेना की महिला अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देते हैं, और पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ वीडियो जब्त करके बैठ जाती है। जांच की रफ्तार इतनी धीमी है कि अब तक वीडियो फॉरेंसिक जांच के लिए भी नहीं भेजा गया।
देवड़ा पर हो कार्रवाई- केंद्रीय मंत्री चिराग
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के सेना पर दिए विवादित बयान को लेकर LJP (रामविलास) नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ऐसे नेता को जीवन भर के लिए पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा-
कर्नल सोफिया को आतंकियों की बहन कहा था
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।’
मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते
शाह ने आगे कहा- ‘अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।’बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे।
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी है फटकार
मंत्री शाह द्वारा दिए गए विवादित बयान का विरोध तेज हुआ और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की जाने लगी। मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने स्वतः संज्ञान लिया। सुनवाई के दौरान मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई गई। कोर्ट की ओर से तल्ख टिप्पणी करते हुए उनके बयान को कैंसर जैसा घातक बताया था। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। कोर्ट ने डीजीपी को मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया। अलगे दिन की सुनवाई में एफआईआर की कॉपी पेश की गई, जिसे लेकर कोर्ट ने सवाल उठा दिए। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि एफआईआर की भाषा मंत्री के हित में लिखी हैं, यानी उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कोर्ट ने एफआईआर में सुधार करने के निर्देश दिए, साथ ही यह भी आदेश दिया कि मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी जमकर फटकारा
बीते गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन शाह को यहां भी फटकार ही पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप संवैधानिक पद हैं, आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर कें कंटेंट को लेकर भी फटकारा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की भाषा ऐसी लिखी गई है जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एफआईआर में सुधार करने और पुलिलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा किए जाने के भी आदेश दिए।