
Vijay shah k p tripathi of rewa,deputy CM laid the foundation of new politics
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल/रीवा(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के बीजेपी में विजय शाह अकेले नहीं हैं। कई लोग हैं जो उनकी तरह सोचते हैं और कहते हैं। डिप्टी सीएम जगदीश देवगोड़ा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, नरेन्द्र प्रजापति आदि।रीवा में पूर्व विधायक के.पी. त्रिपाठी दूसरे विजय शाह हैं।जिन्हें बात-बात पर गुस्सा आ जाता है। ये गुस्सा डिप्टी सीएम की सत्ताई आंच की वजह से आता है।उन्हें वो अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला का यह सियासी शिष्य विजय शाह के नक्शे कदम पर चल कर सियासी सुर्खियां बटोरने की हमेशा फिराक में रहता है। विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से कर्नल सोफिया को आतंकवादियों की बहन कहा। और के.पी.त्रिपाठी ने सार्वजनिक रूप से सीएस पी डाॅ रितु उपाध्याय को असंवेदनशील महिला कहा। दोनों में कोई फर्क नहीं है।एक ने कर्नल सोफिया की सार्वजनिक रूप से बेइज्जती की, दूसरे ने महिला सीएसपी की।
विजय शाह और त्रिपाठी दोनों एक जैसे
विजय शाह और के.पी.त्रिपाठी दोनों में एक सी समानता है। विजय शाह ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर कर्नल सोफिया से माफी मांगी और के.पी.त्रिपाठी ने भी वही काम किया। एक वीडियो जारी कर सीएसपी रितु उपाध्याय से माफी मांग लिया। खुद अपने ही वीडियो में कहा कि रितु उपाध्याय ने कहा आप मेरे बड़े भाई के समान है। हैं।आप ने मुझे डाटा है।कोई गलत नहीं किये हैं। जरूर मैने कुछ गलत ही किया होगा। सवाल यह है कि सीएसपी ने ऐसा कहा है,इसकी क्या प्रमाण है? और फिर जिस दबंगयी से सीएसपी रितु उपाध्याय को असंवेदनशील महिला कहा है,अपनी दबंगयी पर कायब रहते। के.पी. त्रिपाठी का मामला विजय शाह की तरह ही है। उन्होंने एक महिला अधिकारी के साथ बद्तमीजी की है तो उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। क्या हाई कोर्ट संज्ञान लेगा तब के.पी. त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा?
सबके खिलाफ एफआईआर हो
प्रदेश मे बीजेपी की सरकार है। तो क्या यह मान लिया जाए कि टी.आई. और सीएसपी और एसपी उनके नीचे हैं। इसका मतलब यह हुआ है कि बीजेपी के नेता किसी भी अधिकारी का गिरेबान पकड़ने के बाद एक वीडियो जारी कर माफी मांगने की बात कहकर अपनी राजनीति चमका सकते हैं। अपनी राजनीति की गिरती साख का सियासी सूचकांक बढ़ा सकते हैं। कायदे से सीएसपी और टी.आई आशीष मिश्रा की बेइज्जती करने में जितने भी बीजेपी के नेता चोरहटा थाने में मौजूद थे, उन सब के खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए। प्रशासनिक कार्य में बाधा डालने के लिए भीड़ लेकर जाने पर।कानून का रंग एक होता है। लेकिन रीवा के बीजेपी नेताओं ने कानून को भगवा रंग में रंग कर टी.आई.को बीजेपी नेता के सामने हाथ जोड़ने के लिए विवश कर दिया। यदि यही काम कोई मवाली करे तो टी.आई उसे दो डंडे मारकर जेल पहुंचा देंगे। के.पी.त्रिपाठी ने अपने गुंडई अमला को लेकर चोरहटा थाने को बंधक बना लिया। यह कितनी शर्म की बात है कि चोरहटा थाने का प्रभारी बीजेपी के एक साधारणा नेता के सामने हाथ जोड़े गिड़गिड़ाता दिखे। महिला सीएसपी असहाय हो गयी।क्यों कि रीवा में बीजेपी की सियासत का नया दौर है।
महिला कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन की सख्त कार्रवाई की मांग
चोहरटा में अजय देवगंन होते तो
हमारे यहां अजय देवगन की फिल्म में के.पी. त्रिपाठी जैसे नेताओं का हाल क्या होता जिस तरह उन्होंने टी.आई. आशीष मिश्रा और सीएसपी डाॅ रितु उपाध्याय की कर दिये। कल्पना कर सकते हैं कि अजय देवगन थाने के प्रभारी होते तो क्या करते! हैरानी वाली बात है कि बीजेपी के जिलाघ्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता थाने में पहुंच गए टी.आई पर विधायक अभय मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराने का दबाव बनाने लगे। इसका मतलब यह हुआ कि सीएसपी और टी.आई.को कानून की जानकारी नहीं है। किस पर FIR दर्ज होनी चाहिए और किस पर नहीं। क्या यह मान लिया जाए कि बीजेपी के नेता थाने को गाय की तरह हांकने का काम करेंगे। यानी कोई भी अपराधी अपने गले में भगवा गमछा डाल कर वो किसी भी थाने के दरोगा को धमका सकता है। सोच भी नहीं सकते कि कितने ऐसे अपराधी होंगे जो कोरेक्स,गांजा,कोकीन आदि ड्रग्स का धंधा कर रहे हैं। रोज थाने में फोन जाते होंगे। जो पकड़े जाते हैं,वो बीजेपी से जुड़े नहीं हैं। कांग्रेसी होंगे या फिर सपाई अथवा बीएसपी के लोग होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा
विजय शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कांत ने कहा,कहां है वो माफी? और क्या है उसमें?हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है। वीडियो जारी करके कर्नल सेाफिया से माफी मागी,इसे माफी नहीं माना जाएगा।आप पब्लिक फीगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। कभी कभी माफी, बचने के लिए मांगी जाती है। तो कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है।आपने भद्दे कमेंट किये हैं अब आपकी माफी का क्या मतलब है? यही बात के.पी.त्रिपाठी पर लागू होती है।डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने सेना को मोदी के चरणों में नतमस्तक है कहा। आखिर ये बीजेपी वाले ऐसा दिमाग लाते कहां से हैं। सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा,जो हमारे आतंकवादी हैं,लोग हैं,उनको मुंहतोड़ जवाब दिया। आतंकवादी कब से बीजेपी के हमारे हो गए? बीजेपी वाले जाने। सवाल यह है कि रीवा की सीएसपी रितु उपाध्याय असंवेदनशील महिला है,क्या डिप्टी सीएसपी राजेन्द्र शुक्ला भी मानते हैं?यदि नहीं तो फिर विजय शाह की तरह के.पी.के खिलाफ थाने में FIR दर्ज करने के लिए फोन क्यों नहीं किया?उन्हें बचाने के पीछे कौन सा सियासी मकसद है? मनगवां बीजेपी नरेन्द्र प्रजापति कहते हैं सीजफायर का आदेश हम लोगों को यूएन से प्राप्त हुआ है। और संसद में मोदी यह बात स्वीकार नहीं रहे हैं। गजब की बीजेपी और गजब के लोग हैं।
कोर्ट कहेगा तब एफआईआर होगी
कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने पर उनकी माफी को सुप्रीम कोर्ट ने भी नामंजूर कर दिया। ऐसे में के.पी.त्रिपाठी के असंवेदनशील महिला सीएसपी को कहने और उन्हें मारने पर उतारू नेताओं कों बीजेपी कैसे माफ कर दी। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने कैसे माफ कर दिया? सीएसपी रितु उपाध्याय को के.पी.त्रिपाठी असंवेदनशील महिला कह सकते हैं, कल को कलेक्टर प्रतिभा पाल को भी कह सकते हैं। कुछ ज्यादा कह सकते हैं।प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। उनके आका डिप्टी सीएम हैं। इन्होंने के.पी. के लिए रीवा में सियासत और कानून दोनों की नई नीव रखी है। देखिये आगे आगे होता क्या है। बहरहाल दोनों को किस मीजान पर कांग्रेस 11 अगस्त को तौलती है। कौन सा सियासी धमाका करेगी रीवा में। कांग्रेस के अनेक लीडर आ रहे हैं। उस समय डिप्टी सीएम और केपी त्रिपाठी निशाने पर रहेंगे। देखने वाली बात होगी कांग्रेस का सियासी धमाल।