
Vijay shah didnot alloe the film to be shot if vidya did not come at dinner

राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल। मध्यप्रदेश में डाॅ.मोहन यादव की सरकार में जनजाति मंत्री विजय शाह का विवाद से पुराना नाता है। सुर्खियों में बने रहने के लिए वो कई बार विवादित बयान दिये हैं।उनका सियासी इगो कम नहीं है। अपने इगो के चलते उन्होंने फिल्म स्टार विद्याबालन को डिनर के लिए आमंत्रित किया था। उन्हें यकीन था कि वो वन मंत्री हैं। इसलिए वो जरूर आयेंगी। बालाघाट में विद्याबालन की शेरनी की फिल्म की शूटिंग हो रही थी। उन्होंने विजय शाह का आमंत्रण ठुकरा दिया। इस पर वो नाराज होकर उनकी फिल्मी की शूटिंग रूकवा दी। उनकी फिल्म की शूटिंग के लिए दी गयी अनुमति वापस ले ली थी।
चौहान की पत्नी पर अभद्र टिप्पणी
पिछले दिनों उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी।हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब विजय शाह किसी विवाद में फंसे हैं। इससे पहले भी उनसे जुड़े कई ऐसे मामले हैं, जिसके बाद उनकी आलोचना हुई थी। साल 2013 में विजय शाह ने आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर अभद्र टिप्पणी की थी। इस अभद्र टिप्पणी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और उन्हें फिर मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था।
शूटिंग की अनुमति वापस ले ली
नवंबर 2020 में एक और विवाद खडा किया था, जब वह वन मंत्री थे। “विजय शाह ने कथित तौर पर बालाघाट जिले में फिल्म शेरनी की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री विद्या बालन को डिनर पर आमंत्रित किया था। फिल्म स्टार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसके बाद विजय शाह के विभाग ने फिल्म की शूटिंग की अनुमति वापस ले ली।” बता दें, हरसूद (एसटी) सीट से आठवीं बार विधायर चुने गए विजय शाह स्कूली शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। वह 1990 से लेकर 2023 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र से अपराजित रहे हैं।