
Vedic holika dahan tomorrow with many heebs
कटंगी। वैदिक होलिका दहन महोत्सव समिति बस स्टैंड ने 13 मार्च को रात्रि शुभ मुहूर्त में होलिका दहन एवं फाग गायन महोत्सव का आयोजन रखा गया है। जिसमे सभी नगरवासियों की उपस्थित की अपील आयोजन समिति ने की है।गौरतलब हो पिछले 7 वर्षो से पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से वैदिक पुरातनकाल की परंपराओं का निर्वाहन करते हुए गौशाला को संबल प्रदान करते हुए गाय के गोबर से निर्मित उपलो कंडो से होलिका दहन महोत्सव का कार्यक्रम उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। होलिका दहन महोत्सव के शुरूवाती वर्ष से ही शहर के सुधि ब्रह्मणजनों द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ विभिन्न जड़ी बूटियों से निर्मित हवन सामग्री जिससे पुरातनकाल में ऋषियों द्वारा वातावरण के शुद्धिकरण के लिए हवन किया जाता रहा है।
अनेक जड़ी बुटी होलिका में दहन
ऐसी दुर्लभ जड़ी बूटियां को इस होलिका दहन में अर्पित किया जाता है। जिसमें गाय का देशी घी, गुगल, देशी कपूर, जटामासी, नागरमोथा, नीम के पत्ते, गोरखमुंडी, गिलोय,बावची बीज, तुलसी, गुलाब फूल, स्वेतचंदन, अगर, सुगंधबाला, अज्ञाघास, खस, लोग, इलायचा, काली तिल के अलावा अन्य सामग्रियों का मिश्रण करके होलिका दहन के समय अर्पित किया जाता है।भारतीय परंपरा संस्कृति का संरक्षण करते हुए स्थानीय भजन मंडलियों द्वारा फाग गायन का आयोजन भी इस महोत्सव में प्रमुख आकर्षण का केंद्र होता हैं। शहर का व्यक्ति इस महोत्सव में हिस्सा लेकर फाग का उत्साहपूर्वक आनंद लेता है। आने वाले वर्षो में यह परंपरा आगे जारी रह सके, जिससे आने वाली युवा पीढ़ी भी इन सभी परंपराओं, त्योहारों का ज्ञान रख सके। ऐसा प्रयास वैदिक होलिका दहन महोत्सव समिति पिछले 7 वर्षों से करता चला आ रहा है। शहरवासियों से अपील की गई है इस महोत्सव में उत्साह के साथ अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करे।