
बालाघाट। जिले के वारासिवनी मे किसान संगठन ने धान का समर्थन मूल्य 3100 रु किए जाने को लेकर वारासिवनी बंद का आव्हान किया था, जहाँ किसानों द्वारा किया गया बंद सफल रहा और पूरे क्षेत्र में बंद का असर भी देखने को मिला। यहाँ व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और किसानो को भरपूर समर्थन दिया। लेकिन जनहित की दृष्टि से इस बंद में अति आवश्यक सेवाएं चालू रखी गई थी।
भाजपा अपना चुनावी वादा भूली
किसानों का कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनेगी तो धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपए दिया जायेगा। जहाँ भाजपा के संकल्प पर किसानो ने विश्वास जताया, लेकिन मध्यप्रदेश मे भाजपा की सरकार बने, काफी वक़्त बीत चूका है, लेकिन सरकार ने अभी तक धान का मूल्य 3100 रूपए नहीं किया गया। जिसे किसान अब सरकार की वादाखिलाफी मान रहे है और विरोध मे सड़क पर उतर आये है।
धान का समर्थन मूल्य 3100 करें
किसान हित में सरकार द्वारा किए गए वादों को लेकर एक ओर प्रदेश भर में सियासी घमासान मचा हुआ है तो वही किसानो को भी जनप्रतिनिधियों का बल मिलने लगा है। जहां चहुं ओर से आवाज उठ रही है कि किसानों को धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए दिया जाए। लेकिन सरकार ने अभी तक किसान हित में अपने किये हुए वादे को पूरा करने में हामी नही भरी है। यही वजह है कि अब किसानो के सब्र का बांध टूट चुका है और किसानो को आक्रोश धरना प्रदर्शन के बाद नगर व शहर बंद तक बढ चला है। मुख्य तौर पर बालाघाट जिले में किसान सड़क पर उतर आये है और भाजपा सरकार के खिलाफ बंद आव्हान कर रहे है। सोमवार को किसानो ने वारासिवनी नगर में बंद का आव्हान किया था, जहां किसानो के समर्थन में वारासिवनी नगर चारो खूंट बंद रहा। जिसमें व्यापारियों ने भरपूर सहयोग दिया।
रैली कर आक्रोश जताया
बंद प्रदर्शन को लेकर वारासिवनी खैरलांजी विधानसभा क्षेत्र के किसान सुबह से ही नगर के अनाज मंडी पर एकत्रित हुए और रैली के माध्यम से आक्रोश जताया। इस दौरान अनजाने में जो दुकाने खुली दिखी, किसानो के निवेदन पर बंद करना पड़ा। यहां आक्रोश की ज्वाला में झुलसते किसानो ने प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। मंडी परिसर से रैली के रूप में निकला किसानो का जत्था अवंतीबाई खेल मैदान में एकत्रित हुआ और यहां किसानो की एक बडी सभा भी आयोजित हुई। जहां वक्ताओं ने सरकार पर जमकर तीखा प्रहार किया। इस दौरान एक किसान का सरकार व जनप्रतिनिधियों के प्रति खूब आक्रोश भी फूंटा। इस पूरे प्रदर्शन के बाद किसानो ने एक बार पुन: मुख्यमंत्री ने नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और किसान हित में अपना किया हुआ वादा पूरा करने की अपील की है।
किसानों को साथ मिला विधायक विवेक का
इस पूरे प्रदर्शन में क्षेत्रीय विधायक विवेक पटेल ने पूरी सहभागिता निभाई और कहा कि भाजपा सरकार हमेशा किसानो से झूठे वादे करती आ रही है। सरकार ने 3100 का वादा किया था, उसे पूरा नही किया है। इसलिये किसान आक्रोशित है। प्रदेश में इनकी सरकार बन गई तो ये अपनों वादों से मुकर गए है। पूर्व विधायक को भी किसानो का साथ देकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करना चाहिए थ, मगर वे अपने घर में बैठे है। 16 दिसंबर को हमारी कांग्रेस पार्टी विधानसभा घेराव करने वाली है और पूरी ताकत से किसानो की आवाज उठाई जायेगी। इस बार हमारे क्षेत्र का किसान जाग गया है और भाजपा के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहा है।
सरकार को मनाने में जुटे भाजपा नेता
इधर, किसानों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा भी सरकार को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा करना सरकार का दायित्व है, किसानो की मांग जायज है, जिस पर सरकार विचार कर रही है। हमने भी सरकार से बात करके किसानो के विषय को रखा है। किसानो की जो अपेक्षाएं है, उसे पूरा करना चाहिए। क्युकी किसानो की जो आशाये है वो अब धीरे धीरे आक्रोश मे बदल रही है और सरकार के प्रति विश्वास भी कम हो रहा है।