
Unique cemeteries are installed on tombs hwar QR code,scan all know every thing
राष्ट्रमत न्यूज,तिरूवनंतपुरम/त्रिशूर। कब्रिस्तान का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के जेहन में चुप्पी शांति और बीते जमाने की यादें आती हैं। लेकिन बदलते दौर में मरने वाले के बारे में एक पल में सब कुछ सामने आ जाता है। वो है उसकी कब्र पर एक छोटा सा क्यूआर कोड। केरल के कबिस्तान का एक वीडियो इन चर्चा बना हुआ है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो बताता है कि कब्रिस्तान में लगे क्यूआर कोड के जरिये आप किसी भी कब्र में सो रहे व्यक्ति की सारी डिटेल पा सकते हैं।
कब्र पर QR कोड लगा है
क्या आपने कभी किसी कब्र पर QR कोड लगा हुआ देखा है। केरल के त्रिशूर में आपको ऐसा देखने को मिलेगा। जहां हादसे में जान गंवाए युवा डॉक्टर की कब्र पर क्यू आर कोड लगा दिखेगा। पहली नजर में ऐसा लगता है कि समाधि के निर्माताओं ने इस पर अपना डिजिटल भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड छोड़ दिया था। लेकिन ऐसा नहीं है चर्च के कब्रिस्तान में डॉ. इविन फ्रांसिस के काले संगमरमर के मकबरे को अगर कोई मोबाइल से स्कैन करता है। तो उनके जीवन भर की यादें उसे दिखाई और सुनाई देने लगती हैं।
खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था
डॉक्टर इविन फ्रांसिस एक खेल के दौरान गिर गए। जिसके बाद कोझिकोड के मालाबार मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई। इविन की यादों को जिंदा रखने के लिए उनके ओमान में रहने वाले माता-पिता ने फैसला किया। जिसके बाद डॉक्टर बेटे की कब्र पर क्यूआर कोड लगवाया गया। लेकिन यह क्यू आर कोड अनोखी खूबियों वाला और बाकी क्यू आर कोड जैसा नहीं है। इसे डाउनलोड करने पर बहु-प्रतिभाशाली 26 वर्षीय डॉक्टर के जीवन का एक ऑडियो-विज़ुअल संस्मरण खुल जाता है। जिसने पेशेवर रूप से संगीत और खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था।
परिवार वालों के मुताबिक
एक कुशल गिटार और कीबोर्ड प्लेयर होने के अलावा इविन ने क्यूआर कोड का उपयोग कर लोगों के प्रोफाइल बनाए थे। भाई की इसी प्रतिभा ने बहन एवलिन फ्रांसिस को उनकी कब्र पर एक क्यूआर कोड लगाने का विचार दिया और परिवार ने इसे https://sites.google.com/view/iwinfrancis/home से जोड़ दिया। परिवार वालों के मुताबिक यह वेबसाइट इविन की तस्वीरों और वीडियो का भंडार है। जिसमें कि इविन के कॉलेज के साथ ही कई प्रोग्राम्स की यादें जुड़ी हैं। इसमें उनके दोस्तों और परिवार के साथ बिताए गए समय को बखूबी देखा जा सकता है।
क्यूआर कोड कब्र पर रख सकते हैं
माता-पिता की मानें तो ‘मेरी बेटी ने बताया कि कब्र पर इविन के बारे में कुछ लिखना यह दर्शाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा कि उसने क्या किया? हमने सोचा कि इतना करना काफी नहीं होगा। बेटी ने माता-पिता से कहा कि हम इविन की प्रोफाइल से जुड़ा एक क्यूआर कोड उसकी कब्र पर रख सकते हैं। जिसके बाद इविन की बहन ने 10 दिन में साइट और क्यूआर कोड तैयार कर लिया।’
यह एक अनूठी पहल है
सेंट जोसेफ चर्च, कुरियाचिरा के पादरी फादर थॉमस वडाकूट ने कहा कि क्यूआर कोड करीब एक साल से है। यह उनका पारिवारिक मकबरा है… उन्हें याद करना और उन्हें समझना बहुत अच्छी बात है। यह एक अनूठी पहल है और मुझे लगता है कि यह पहली बार है। इविन के पिता का के मुताबिक, उनका बेटा उल्लेखनीय रूप से प्रतिभाशाली व्यक्ति था। जिसका इस दुनिया को छोड़ देना हमारे लिए काफी दर्दनाक था। वह स्कूल के टॉपर्स में से एक था। वह मुझे अक्सर कहा करते थे। ‘पापा, हमें नवाचारों और परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए तेज होना चाहिए’।