
Two victims came to meet the family with munjares efforts
बालाघाट। पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक रहे कंकर मुंजारे आज भी जनहित के लिए आवाज उठाते हैं। उनकी पहल पर ही पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से और खदान मालिक बीपी राय की तरफ से मुआवजा देना पड़ा। यदि मुंजारे आवाज न उठाते तो पुलिस ने जिसे नक्सली बताया था,यही मान लिया जाता।। और आयुष की मौत पेड़ से गिरने की वजह से हुई उसके पिता ने पुलिस को बताया था। जबकि कंकर मुंजारे का कहना था आयुष की मौत पेड़ पर से गिरने से नहीं हुईं बल्कि खदान में काम करने के दौरान पत्थर के नीचे दब जाने की वजह से हुई। पुलिस ने उनके आरोपों पर तहकीकात की तो मामला सही पाया।
फर्जी नक्सली मारा गया
बीते 9 मार्च को हिरण सिंह परते के कथित फर्जी एनकाउंटर को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। विधानसभा में लगातार कथित फर्जी एनकाउंटर के आरोप सरकार पर लगे। पूर्व लोकसभा सांसद कंकर मुंजारे 19 मार्च को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने मंडला पहुंचे। उन्होंने इस दौरान आरोप लगाते कहा कि पुलिस ने आउट आफ टर्म प्रमोशन पाने के चलते एक बेगुनाह बैगा आदिवासी को मारा है। मृतक हिरण सिंह परते का नक्सलियों से कोई लेना देना नहीं था। एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की। मुंजारे की वजह से पीड़ित परिवार को सरकार ने दस लाख रुपए की आर्थिक मदद दी।
खदान में मौत हुई
दूसरी घटना जिले के तिरोडी थाने के अंतर्गत ग्राम गुडरूघाट की है। विगत 11 फरवरी को 23 साल के आयुष लिल्हारे की मौत हो गयी। उसके पिता ने आयुष की मौत को खेत में पेड़ से गिरने से हुई पुलिस को बताया। पुलिस ने भी मान लिया था। लेकिन मंुजारे ने कहा कि आयुष की मौत पेड़ से गिरने पर नहीं हुई बल्कि खदान में पत्थर के नीचे दब जाने से हुई। पुलिस मामले की तहकीकात की। कंकर मुंजारे के आरोप को सच पाया। खदान मालिक बीपी राय सहित अन्य के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया।