
tribal youth beaten in forest guard on suspicion of theft
राष्ट्रमत न्यूज,छिंदवाड़(रियाज खान)। आदिवासी युवक को पेशाब पिलाने की घटना की तपिश अभी कम नहीं हुई थी कि छिंदवाड़ा में एक आदिवासी युवक की बेरहमी से पीटने की घटना हो गयी। आरोप है कि वनरक्षक ने सागौन की लकड़ी चोरी के शक में आदिवासी युवक सिंगारदीप को इतना पीटा कि दो डंडे टूट गए। युवक का शरीर नीला पड़ गया। युवक जंगल में लकड़ी बिनने गया था। आदिवासी युवक का कहना है उससे पूछा भी नहीं गया और डंडे से वन आरक्षक मारने लगा है। पुलिस ने SC ST सहित कई धाराओं में वन आरक्षक संजय नामदेव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
तो आंदोलन करेंगे-उइके
आदिवास युवक सिंगारदीप निवासी शिवपाल उईके के साथ सोमवार को बफर जोन स्थित कुंभपानी वन परिक्षेत्र में मारपीट हुई। गुरुवार शाम को चैरई विधायक और आदिवासी समाज के लोग बिछुआ थाने पहुंचे।वन आरक्षक संजय नामदेव के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं सरपंच ज्ञान लाल उइके का कहना है कि वन आरक्षक ने पहले भी एक युवक के साथ मारपीट कर चुका है। यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं किया तो आंदोलन करेंगे।
बिना पूछताछ किए मारा
सिंगारदीप निवासी शिवपाल उईके ने बताया कि वह 7 जुलाई को घरेलू उपयोग के लिए जलाऊ लकड़ी लेने जंगल गया था। लौटते समय वनरक्षक संजय नामदेव ने खेत के पास रोका और बिना कोई पूछताछ किए पीटना शुरू कर दिया। आंख समेत पूरे शरीर पर गहरे जख्म और सूजन के निशान हैं।घटना के बाद से युवक और उसका परिवार सहमा हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक सुजीत चैधरी और चैरई एसडीओपी भारती जाट ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित से मुलाकात की। इसके बाद आरोपी वनरक्षक पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया।
मुझे नहीं पता किसने मारा
आदिवासी युवक की पिटाई के मामले में आरोपी वनरक्षक संजय नामदेव ने कहा कि शिवपाल को तीन सागौन लट्ठों के साथ खेत में पकड़ा गया था। जबकि उसके साथी मौके से फरार हो गए। नामदेव ने बताया कि 7 जुलाई को सागौन चोरी के शक में युवक को रेंज आफिस लाया गया।यहां उसका मेडिकल कराया गया और विभागीय कार्रवाई कर जुर्माना वसूलने के बाद 8 जुलाई को छोड़ दिया गया। हालांकि पिटाई के आरोपों पर उन्होंने कहा उसे किसने मारा मुझे जानकारी नहीं है।।
SC/ST एक्ट धाराओं में केस
बिछुआ TI मोहन सिंह मर्सकोले ने बताया कि गुरुवार शाम को पीड़ित शिवपाल की शिकायत पर वनरक्षक संजय नामदेव पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 115(2), 351(3) के साथ-साथ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(5) और 3(1)(द) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रेंजर मार्तण्ड मरावी ने बताया-घटना की जानकारी लगते ही वनरक्षक को बीट से हटा दिया है। दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी। जांच के बाद जो परिणाम सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।