
Tiger death scandal,tribal society again demonstrated and said-suspend dfo
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट में एक बार फिर मंगलवार को आदिवासी समाज सोनेवानी अभ्यारण्य में मादा बाघ की रहस्यमय मौत के मामले में छह आदिवासियों को, जो वन सुरक्षा श्रमिक थे उन्हें जेल भेजे जाने के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट और सीसीएफ कार्यालय का घेराव किया। बीस दिन पहले भीे भी विरोध जता चुके थे। आदिवासी समाज ने डीएफओ के निलंबन की मांग की।
आदिवासियों की रिहाई की मांग
सोनेवानी अभ्यारण्य में मादा बाघ की रहस्यमय मौत के मामले में वन विभाग ने इस 6 आदिवासी वन सुरक्षा श्रमिकों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि बाघ के शव को बिना प्रोटोकाल के जला दिया गया। करीब 20 दिन पहले आदिवासी विकास परिषद ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर डीएफओ के निलंबन और निर्दोष आदिवासियों की रिहाई की मांग की थी।
DFO पर मामला दबाने का आरोप
आदिवासी विकास परिषद के उपाध्यक्ष संदेश सैयाम ने कहा कि इस मामले में 2 वन कर्मचारियों पर भी केस दर्ज है। लेकिन एक महीने बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला है। उन्होंने डीएफओ अधर गुप्ता पर मामले को दबाने का आरोप लगाया।
डीएफओ के निलंबन की मांग
परिषद के अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने चेतावनी दी कि अगर डीएफओ का निलंबन नहीं हुआ और गिरफ्तार श्रमिकों को नहीं छोड़ा गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। दरअसल, यह मामला 2 अगस्त को सामने आया था। डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे अभी भी फरार हैं। दोनों पर 5-5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। एसटीएसएफ मामले की जांच कर रही है।