
Tibet shaken by erarth quake 95 dead

नेपाल में भी महसूस हुए झटके
- भूकंप के झटके नेपाल में भी महसूस किए गए। लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर की तरफ भागे। नेपाल के कई जिलों में लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए। काठमांडू के लोग काफी दहशत में आ गए। सड़क पर बिजली के खंभे और पेड़ हिलते हुए देखे गए।
- यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, सुबह 7 बजे के लगभग 4 से 5 तीव्रता के 6 से अधिक झटके आए। इन भूकंप के झटकों ने 2015 में नेपाल में आए भूकंप की याद ताजा कर दी, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी।
- भारत में भी दिखा असर
भूकंप का असर भारत में भी देखा गया। बिहार, असम, बंगाल और सिक्किम में भी धरती डोली। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेगूसराय, मुंगेर, शिवहर और सारण में भूकंप के झटके महसूस किए गए। - बंगाल के मालदा और कुछ और इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। तिब्बत में रुक-रुककर भूकंप के झटके आ रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि मैं शौचालय में था, मैंने देखा कि दरवाजा हिल रहा था। भूकंप महसूस होते ही मैं जल्दी से नीचे खुली जगह पर आ गया। मेरी मां भी डर गई थी।
प्रभावित इलाके में इमरजेंसी घोषित
रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के बाद बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंस गए हैं। इन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। चीन की CCTV न्यूज के अनुसार चीन की स्टेट काउंसिल ने भूकंप प्रभावित इलाके में टास्क फोर्स भेजी है और लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। चीनी वायुसेना भी प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू के काम में जुटी है। भूकंप की वजह से इलाके का इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह डैमेज हो गया है, जिससे यहां बिजली और पानी दोनों ही कट गए हैं। लेवल-3 की इमरजेंसी तब डिक्लियर की जाती है जब दुर्घटना इतनी बड़ी हो कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और स्टेट की सरकार उससे नहीं निपट सकती। ऐसे हालात में केंद्र सरकार अपनी तरफ से तत्काल मदद भेजती है।
- काठमांडू में भी भूकंप का असर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकल अधिकारी भूकंप के नुकसान का आकलन करने के लिए इलाके के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि 400 किमी दूर नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी इसका असर महसूस किया गया। आज का भूकंप पिछले 5 साल में 200 किलोमीटर के दायरे में दर्ज किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इसका सेंटर उस जगह पर मौजूद है जहां भारत और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। इन प्लेटों के टकराने से हिमालय के पर्वतों में ऊंची तरंग उठती हैं।