
Three corpses in a room,bank of qurstion opend
मऊगंज (ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले का गडरा गांव जहां अब भी धारा 163 लगी हुई है। पुलिस कैंप लगा हुआ है। बावजूद इसके एक घर में तीन शव मिले हैं। घर के अंदर से बदबू आने पर गांव वालों को शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गयी। घर को खोल कर देखा गया। उसमें तीन शव थे। जिसमें से बदबू आ रही थी। तीनों शव झूल रहे थे। तीनों शवों का पीएम कराने पुलिस बगैर परीजनों के आए ले गयी। यह सवाल केवल राजनीतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक भी है। पुलिस जो कहानी बता रही है क्या उस पर विश्वास राजनीतिक दलों को करना चाहिए।
कई तरह के संदेह
गड़रा गांव में तीन शव एक ही घर में फंदे में झूलते मिलने से कई तरह के संदेह हो रहे हैं। तीनों नें एक साथ खुदकुशी की या फिर तीनों को मार कर लटका दिया गया है। एक ही घर में तीन शव मिलने से कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप कुमार सोनी के लिए गंभीर विषय है।पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है कि तीनों की मौत के पीछे वजह क्या है? गांव वालों से पूछताछ की जा रही है। तीनों की मौत गड़रा में घटी घटना के कितने दिन बाद की है।
पत्नी से विवाद होता था
रीवा आईजी गौरव राजपूत ने बताया कि औसेरी साकेत के घर से बदबू आ रही थी। उसकी पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। दूसरी पत्नी से औसेरी का अक्सर विवाद होते रहता था। इस कारण वह तनाव में रहता था। घर के अंदर औसेरी, बेटी मीनाक्षी 11 और बेटे अमन साकेत 8 वर्ष के शव मिले हैं। किन वजह से तीनों के शव एक साथ मिले, यह जांच के बाद पता चलेगा।वेसे पुलिस इसे पारिवारिक विवाद मान रही है।लेकिन गांव के लोग इसे पारिवारिक विवाद नहीं मान रहे हैं। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया यह खुदकुशी का मामला है।
एक सच इनका अपना
मऊगंज के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना का कहना है कि तीन शव कल के नहीं है। यह गडरा घटना के बाद के है। पुलिस असली बात को छिपाने के लिए मनगढ़ंत कहानी बना रही है।हमने तो घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी। हैरानी होती है इसी गड़रा गांव में 14-15े मार्च को घटना घटी,डीजीपी आए,पुलिस कैंप लगाकर रही रही है,वहां इतनी बड़ी वाददात कैसे हो सकती है। एक घर में तीन शव के पीछे जो सच्चाई है सारा गांव जानता। लेकिन पुलिस उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं है।
औसेरी के भाई की पत्नी का कहना है कि पिछले दिनों हिंसा के बाद गांव में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ने जेठ से मारपीट की थी। उसी दिन से उन्होंने घर का दरवाजा नहीं खोला। वो अपने से फांसी नहीं लगाए हैं। इसके लिए पुलिस जिम्मेदार है। बता दें ये वही गडरा गांव है जहां 15 मार्च को पीट- पीटकर एक युवक की हत्या के बाद हिंसा में एएसआई की मौत हो गई थी।
तीन शव तीन बातें
हत्या या आत्महत्या यह सवाल पुलिस के समक्ष है। जैसा कि आईजी कह रहे हैं कि प्रथम दृष्टया यह खुदकुशी का मामला है। यह भी पुलिस को बताना होगा कि खुदकुशी किस वजह से की गयी। औसरी साकेत का खुदकुशी अपनी पत्नी से विवाद के चलते किया होगा,जैसा पुलिस बता रही है। लेकिन बेटा और बेटी की खुदकुशी समझ से परे है। आठ वर्षीय अमन का फांसी पर लटकना जाहिर सी बात है कि उसे कोई मार कर लटकाया होगा। औसेरी ने यदि यह काम किया होगा तो पहले बेटी को मारा होगा फिर बेटे को उसके बाद खुद फांसी पर लटक गया होगा। उसकी पत्नी का पता नहीं है। ऐसा भी हो सकता है कि औसरी किसी मामले में शामिल रहा हो और आरोपी उसे मारे हों तो मौके पर उसकी बेटी आ गयी हो। भेद न खुल जाए इसलिए उसे मार कर लटका दिया गया। उसके बाद बच्चे को। औसेरी साकेत की पत्नी के आने के बाद ही कुछ और खुलासा हो सकता है।
मऊगंज बनाम अपराधगंज
सबसे पहले पड़ोसियों को घर से बदबू आने का एहसास हुआ। उसके बाद गांव वालों को भी लगा कि अंदर कोई मरा है। खिड़की से झांककर देखा गया तो दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। रीवा से फारेंसिक टीम और अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा है। एक ही घर में तीन शव मिलने से एक बार फिर मऊगंज का गडरा गांव सुर्खियों में आ गया है। हत्या और हिंसा के लिए यह गांव भोपाल तक चर्चा में है। इसे अब मऊगंज के बजाए अपराध गंज कहना गलत नहीं होगा।
तीन हत्या पर क्या होगा..!
गडरा गांव तब सुर्खियों में आया जब 15 मार्च को यहां बवाल हुआ था। तब सनी द्विवेदी की आदिवासियों ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी। साथ ही एएसआई रामचरण गौतम पर भी हमला हुआ था। जिसमें वे शहीद हो गए थे। इस घटना में 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। तब से गांव में धारा 163 लागू है और पुलिस कैंप इस गांव में है।बावजूद इसके यदि औसरी की हत्या हुई है तो फिर ऐसे में मुख्यमंत्री क्या करेंगे यह देखना है। तीन हत्या में एसपी और कलेक्टर बदले गए थे। तीन हत्या पर क्या होगा,सरकार ही जाने।