
This is not of the era of digvijay ,the road of sai sarkar, what to understand..
राष्ट्रमत न्यूज,बिलासपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सड़कें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह के दौर की याद दिला रही हैं। मोपका से सेंदरी के पास रतनपुर हाईवे, तखतपुर और मल्हार की जर्जर सड़कों पर अब कोई बीजेपी का नेता,मंत्री और मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोलते। एक समय दिग्विजय सिंह को सभी बीजेपी नेता कोसते थे। बंटाढार कहते थे। यही अब कांग्रेसी कहने लगे हैं। साय सरकार भ्रष्ट है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी दो टुक कह दिया कि बीजेपी शासित राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिलासपुर जिले की सड़कों में हजारों गड्ढे बच्चों के खेलने के लिए छोटे छोटे तालाब तब्दील हो गए हैं। इसलिए कि सड़क बनाने वाले ठेकेदार ने भ्रष्टाचार की सड़क बनाया है।
चालीस करोड़ की सड़क लापता
मोपका से सेंदरी के पास रतनपुर हाईवे तक की सड़क 14 किमी है। यह सड़क 2016 में 35 करोड़ 88 लाख रुपए से बनी है। दो तीन साल बाद ही उखड़नी शुरू हो गई। मरम्मत पर 5 करोड़ खर्च हो चुके हैं। इस मार्ग पर दो हजार के करीब छोटे बड़े गड्ढे हैं। कई गड्ढे इतने खतरनाक कि जरा सी नजर चूकी तो गाड़ी सहित गिर जाने का अंदेशा हमेशा बना रहता है। इस मार्ग पर दो पहिया वाले नहीं जाते।रतनपुर, कटघोरा की तरफ जाने के लिए शहर के अंदर से होकर लोग जाना पसंद करते हैं। मोपका बायपास से भारी वाहनों का जाना मजबूरी है। इसलिए कि उन्हें अंदर से जाने की मनाही है। यहां सड़क है ही नहीं। 40 करोड़ की सड़क लापता हो गयी है।
बेस मापदंडों के अनुरूप नहीं
मोपका से सेंदरी के पास रतनपुर हाईवे पीडब्ल्यूडी की है। और इसका निर्माण ठेकेदार अनिल अग्रवाल ने किया था।निर्माण के दौरान गुणवत्ता से जुड़े तमाम मापदंडों की अनदेखी की गई।जीएसबी डालने, बेस मापदंडों के अनुसार नहीं होने, बीटी में डामर का सही अनुपात नहीं होने के साथ ही मिट्टी फिलिंग में भारी लापरवाही बरती गई है। यही कारण है कि यह सड़क भारी वाहनों के लायक कभी बनी ही नहीं।
हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाया
तखतपुर में 2 करोड़ की लागत से बनी सड़क पहली बारिश में ही उखड़ गयी है। जगह-जगह दरारें नजर आने लगी हैं। यहां पुल के पास तीन इंच से अधिक दरारें हैं।हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले के तखतपुर और मल्हार की जर्जर सड़कों को लेकर प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया है। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि तखतपुर वाली सड़क में दरारें सिर्फ 120 मीटर के पैच में हैं। उसे जल्द ठीक किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी है बिलासपुर
बिलासपुर स्मार्ट सिटी के तहत आता है। नगर निगम की सड़कें भी इसी के अधीन है। मोदी के सपनों की स्पार्ट सिटी की सड़कें किस हाल में कोई बीजेपी नेता अब नहीं बोलता।मल्हार की सड़कों की मंजूरी मिल गयी है। किस तरह बनेगी विभाग बताने को तैयार नहीं है।
हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले के तखतपुर और मल्हार की जर्जर सड़कों को लेकर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेकर अफसरों से पूछा की हालत कब तक सुधरेगी।चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शहर से लेकर गांवों तक बदतर सड़कों को लेकर जनहित याचिका पर लोक निर्माण विभाग के सचिव और नगर निगम कमिश्नर से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है।गौरतलब है कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने अपोलो अस्पताल लिंगियाडीह मार्ग का दौरा किया था। जहां उन्होंने सड़क की चैड़ाई कम होने और अतिक्रमण के कारण मरीजों और परिजनों को हो रही परेशानियों को देखते हुए मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।
भ्रष्टाचार की वजह से सड़क मर गयी
सड़क मोपका से शुरू होकर रतनपुर गतौरी में जुड़ा है।सीधे हाइवे में मिलता है। गतौरी से 15 किलोमीटर दूर रतनपुर है। सिटी से रतनपुर 28 किलोमीटर दूरी है। जबकि इस रास्ते से 15 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। पौन घंटे की बचत होती है। जांजगीर, कोरबा, सीपत के लोगों को रतनपुर हाइवे पकड़ना है, वो इसी रास्ते से जाते है। लेकिन अब इस रास्ते की सड़क की भ्रष्टाचार की वजह से मौत हो गयी है।