
रायपुर/ रांची। चुनाव के समय ईडी ने रायपुर और रांची में एक साथ मंगलवार को छापा मारा। रायपुर के अशोका रतन में रहने वाले एक बार संचालक के घर सुबह सुबह छापा पड़ा है। रांची में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चैबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेन्द्र सिंह सहित अन्य करीबी रिश्तेदार और संबंधित अधिकारियों के सीए के ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी।
झारखंड के पूर्व उत्पाद आबकारी सचिव आईएएस विनय चैबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह एवं रायपुर में अशोका रतन निवासी बार कारोबारी राठौर के यहां ईडी की जांच चल रही है। राठौर कटोरा तालाब स्थित एक बार का संचालक हैं।
आबकारी नीति में फेर बदल
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू ने पहले ही इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चैबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। रांची के विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया था। जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई। आवेदन में कहा गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में ही रची गयी थी और आबकारी नीति में फेरबदल किया गया था।
ये है आरोपी
एफआईआर में झारखंड के वरिष्ठ आईएएस विनय कुमार चैबे, गजेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के अलावा झारखंड में शराब आपूर्ति मैनपावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420 120 बी के तहत की गई है।
भारी राजस्व का नुकसान
शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड को 2022-23 में झारखंड राजस्व का भारी नुकसान हुआ। शिकायत के बाद हुई शुरुआती जांच में पाया है कि नियम में फेरबदल कर शराब कंपनियों से करोड़ों का कमीशन लिया गया।