
There will be a tussle raja sabha
नई दिल्ली।(ब्यूरो)। महाराष्ट्र में MVA की राजनीतिक रणनीति कामयाब नहीं हुई। विधानसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा, उसके खाते में सिर्फ 47 सीटें ही आईं। यानी विपक्ष का नेता बनने के लिए भी उसे सीट नहीं मिली। इस हार का असर संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में भी पड़ेगा। गठबंधन के तीन बड़े नेता राज्य सभा पहुंचेगे इसमें संदेह है। जिस पार्टी को अपने आदमी को राज्यसभा भेजना होगा उसे दूसरी पार्टी से मदद लेनी होगी। कम सीट आने की वजह से राज्य सभा के लिए सियासी खींचतान भी मच सकता है।
राज्य सभा पहुंचान कठिन
MVA के दिग्गज नेता शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत इस हार की वजह नहीं समझ पा रहे हैं। संजय राउत को सबसे बड़ा झटका लगा है। इसलिए वो कह दिये कि यह चुनाव परिणाम जनता का हो ही नहीं सकता। कम सीट आने की वजह से इन तीन नेताओं का राज्य सभा पहुंचना कठिन हो गया है। वैसे शरद पवार पहले ही कह चुके हैं राज्यसभा का ये उनका आखिरी कार्यकाल होगा। उनका और प्रियंका चतुर्वेदी का टर्म 3 अप्रैल 2026 को पूरा होगा। वहीं संजय राउत का कार्यकाल 22 जुलाई 2028 को पूरा होगा।
राज्य सभा का नम्बर गणित
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केवल नौ सीट मिली थी। और कांग्रेस केा 13 सीट। उसके आधार पर कांग्रेस को लगा था कि महाराष्ट्र चुनाव में BJP की सरकार बनने से रही। लेकिन यहां तो हरियाणा से भी बुरी गत कांग्रेस की रही। विधानसभा चुनाव में महायुति का वोट शेयर 49.6 प्रतिशत का रहा। वहीं डट। का वोट शेयर 35.3 प्रतिशत। BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्यसभा में उसकी स्थिति और मजबूत हो जाएगी। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 19 सीटें हैं। अभी BJP के पास 7 ,कांग्रेस के पास 3 शिवसेना के पास 1 शिवसेना UBT के पास 2 NCP के पास 3 एनसीपी शरद पवार गुट के पास 2 और RPI का 1 सांसद है।राज्यसभा में बीजेपी के 95 सांसद हैं। सहयोगियों को मिलाकर ये आंकड़ा 112 पहुंचता है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं।
किसके कितने वोट बनते हैं
अगर हर विधायक वोट करता है तो कांग्रेस को 16 मत मिलेंगे। उद्वव ठाकरे की शिवसेना को 20 और शरद पवार की NCP को 10 वोट मिलेंगे। SP को 2 और CPIM को 1 वोट मिलेगा। MVA के कुल वोट की बात करें तो ये 50 होगा। वहीं महायुति के विधानसभा में 235 विधायक हैं। जिसके बाद राज्यसभा में उसके 235 वोट बनते हैं।
समर्थन की जरूरत
विधानसभा में कुल वोट राज्य में राज्यसभा की सीटें प्लस 1 प्लस 1,इस फार्मूले के तहत एक उम्मीदवार को 15 वोट की जरूरत पड़ेगी। यानी कि MVA में कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी मिलकर ही राज्यसभा में सांसद भेज सकेगी। MVA वैसे कुल 3 सांसदों को राज्यसभा में भेज सकता है। अभी ऊपरी सदन में उसके 7 सांसद हैं। कांग्रेस की ओर से इमरान प्रतापगढ़ी, चंद्रकांत हंडकोरे और रजिनी पटेल हैं तो उद्वव ठाकरे की शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत हैं। वहीं NCP शरद गुट से शरद पवार और फौजिया खान हैं। 20 विधायकों वाली शिवसेना दोबारा प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को राज्यसभा में भेजती है तो उसे कांग्रेस के साथ NCP शरद गुट और सपा के समर्थन की जरूरत होगी। यदि BJP ने गेम कर दिया और वोटिंग के दौरान क्रास वोटिंग हो गयी, तो खेल बिगड़ सकता है।जाहिर सी बात है कि राज्य सभा में अपने अपने आदमी को पहुंचाने के लिए खींचतान मचेगी।