
The truth about the development of balaghat should be know in the house
बालाघाट (ब्यूरो)।बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे और परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने सरकार के विकास की इबारत का सच सदन को बताया। दोनों विधायकों ने बीजेपी सरकार को उनके संकल्प पत्र में किये गए वायदे की ओर ध्यान दिलाया। विधायकों ने कहा कि बालाघाट जिला समगृ विकास चाहता है। कोरे आश्वासन की वजह से बालाघाट पिछड़ा हुआ है।
अनुभा मुंजारे ने विधानसभा सत्र के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र बालाघाट के अंतर्गत जुड़ी समस्याओं को लेकर विधानसभा में सरकार और विभागीय मंत्रियों का ध्यान आकर्षित कराया। विधायक अनुभा मुंजारे ने क्षेत्र की शिक्षाए स्वास्थ्य, सिंचाई, पुल पुलिया और किसानों की समस्याओं को लेकर मुखरता के साथ अपनी बात रखते हुये सरकार से उनके निराकरण करने की मांग की।
स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं
विधायक अनुभा मुंजारे ने बताया कि लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के 8 पद हैं जिसमें सिर्फ 4 ही चिकित्सक सेवा दे रहे हैं। जिसमें भी महिला चिकित्सक पदस्थ नहीं हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ के अभाव में लालबर्रा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत क्षेत्र की बहनें प्रसव सहित तमाम तरह की सुविधाओं से वंचित है। उन्हें जिला मुख्यालय रिफर होना पड़ता हैं। महिला चिकित्सक की नियुक्ति किया जाना अनिवार्य हैं। इसी तरह से यहां पर एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार को ध्यान दिये जाने की जरूरत हैं।
स्कूल है पर भवन नहीं
विधायक अनुभा मुंजारे ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखते हुये बताया कि बालाघाट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 ऐसी हायर सेकेंडरी स्कूलें हैं, जो प्रारंभ कर दी गई हैं। लेकिन भवन की उपलब्धता नहीं करायी गई हैं। जिसमें कुम्हारी, कंजई, मुरझड़, टेकाड़ी, बघोली ऐसी हायर सेकेंडरी स्कूल हैं जो संचालित हो रही हैं। लेकिन उनके लिये भवन की व्यवस्था नहीं हैं। अतः इन स्थानों पर हायर सेकेंडरी भवन की व्यवस्था की जाये।
आंगनबाड़ी हैं पर भवन नहीं
विधायक अनुभा मुंजारे ने यह भी कहा कि विधानसभा क्षेत्र में 11 ऐसी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जहां पर वह भवन विहीन होने के चलते किराये के भवन में संचालित हो रही हैं। जिनके लिये सरकार को भवन की उपलब्धता कराये जाने की मांग की जाती हैं। इसी तरह से 45 ऐसी ग्राम पंचायते हैं,जहां पर सामुदायिक भवन नहीं हैं। पंचायतों में सामुदायिक भवन की आवश्यकता हैं। लालबर्रा क्षेत्र के रमपुरी और बोरी,बल्लारपुर,बरघाट पुलिया काफी दिनों से टूटे हुये हैं। हम चमचमाती सड़कों की बातें कर रहे हैं लेकिन इन टूटे पुलिया को नहीं बनाया जा रहा हैं। इस संबंध में विधानसभा के अलावा अधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया जा चुका हैं। फिर से सदन में इन टूटे पुलिया की ओर ध्यान आकर्षित कर उसे बनाये जाने की मांग की जाती हैं।
जर्जर हो गयी हैं नहरें
विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के किसान पूरी तरह से कृषि पर आधारित हैं। जिन्हे सिंचाई के लिये नहरों से पानी की जरूरत हैं। क्षेत्र में अग्रेंजों के जमाने में बने नहर हैं, जो बहुत क्षतिग्रस्त या जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। जिससे किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा हैं। क्षेत्र के अंतर्गत सरार्टी जलाशयए पाथरी जलाशयए चावरपानी जलाशय व मुरमनाला जलाशय हैं। जिनके केनाल व नहरों को सुधारे जाने की जरूरत हैं। ताकि क्षेत्र के किसानों को उनके खेतों तक सिंचाई के लिये पानी मिल सके और वह अपनी फसल पका सके। विधायक अनुभा मुंजारे ने सवाल करते हुये कहा कि प्रदेश की सरकार व मुख्यमंत्री ने किसानों को उनकी धान की उपज को 3100 रुपए प्रति क्ंिवटल की दर परए गेहूं 2700 रुपए प्रति किंवटलए सोयाबीन 6000 रुपए प्रति किंवटल की दर पर खरीदी करने कहा था, लेकिन वह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ हैं। हमारी लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपए दिये जाने कहा गया था लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हुआ हैं। क्षेत्र में जाने पर बहने अपनी 3 हजार रुपए की राशि आने का इंतजार कर रही और वह मुख्यमंत्री की ओर निहार रही हैं।
बीेजेपी अपना चुनाव संकल्प पत्र याद करे – मधु
परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने क्षेत्र की शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पुल-पुलिया और किसानों की समस्याओं को लेकर मुखरता के साथ अपनी बात रखते हुये भाजपा सरकार का चुनावी संकल्प पत्र उनको याद दिलाया और सरकार से उनके निराकरण करने की मांग की। सदन में विधायक मधु भगत ने किसानों को देश की रीड की हड्डी बताते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में राजस्व विभाग द्वारा कराई गई गिरदावरी किसानों के हित में नहीं की गई। गिरदावरी करते समय सिंचित जमीन को असिंचित दशार्या गया, जिससे किसानों के धान उपार्जन केंद्र के पंजीयन में बिक्री प्रति क्विंटल कम दशार्या जा सके। साथ ही 1 रुपए प्रति किलो नमक की कीमत आज 30 रुपए प्रति किलो हो गई। परंतु किसानों की धान का समर्थन मूल्य 3000 प्रति क्विंटल नहीं हो पाया। उन्होने कहा की किसानों की धान का समर्थन मूल्य 3500 प्रति क्विंटल होना चाहिए।