
The thirsty of 500 pepople was quenching and only one old well
बालाघाट ।जिले की परसवाड़ा तहसील मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर सांवर झोड़ी गांव में पानी की बेहद किल्लत है। गांव में हैण्ड पंप ने पानी देना बंद कर दिया है। गांव में नल योजना की टंकी लगी है। लेकिन वो शो पीस बनकर रह गयी है। गांव की आबादी करीब पांच सौ की है। इतने सारे लोगों के पास जल संकट से निपटने के लिए गांव से दूर एक मात्र बूढ़ा कुंआ है।जो लोगों की प्यास बुझा रहा है। यदि इस कुुंआ से पानी न मिले तो यहां पानी का और कोई साधन नहीं है। भीषण गर्मी में पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है । जिससे वे गांव से करीब 1 किमी दूर खेत में मौजूद पुराने कुंआ से अपनी प्यास बुझा रहे हैं ।पूरे गांव के लिए एकमात्र यह कुआं ही भीषण गर्मी में ग्रामीणों का सहारा बना हुआ है।
नल जल योजना की टंकी फांक रही है धूल
पेयजल को लेकर गांव में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं ।नल जल योजना के तहत पानी की टंकी लगाई गई है. लेकिन अब वह गांव में केवल शोभा बनकर रह गई है और धूल फांक रही है । इस भीषण गर्मी में जब ग्रामीणों को पानी की जरूरत है तो पानी की टंकी में पानी ही नहीं आता है. ग्राम पंचायत के सरपंच मीना मर्सकोले ने बताया कि “कुछ दिन तक नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को मिला ।लेकिन अब वह बिगड़ चुका है और ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
सूख गए गांव में लगे हैंडपंप
बताया गया कि गांव में 5 हैंडपंप लगे हैं लेकिन इनमें से 4 केवल हवा ही उगल रहे हैं। एक हैंडपंप चालू है लेकिन उसका भी पानी पीने योग्य नहीं है । सरपंच मीना मर्सकोले ने बताया कि “इस संबंध में जनपद से लेकर जिले तक के अधिकारियों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया है. सभी को इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई गई है, लेकिन उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।