
The stir to form government in manupur,bjp mla met rajpal
राष्ट्रमत न्यूज,नई दिल्ली (ब्यूरो)। मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के समक्ष दस बीजेपी के विधायकों ने सरकार बनाने का दावा किया। वीरेन सिंह ने नौ फरवरी को इस्तीफा दे दिये थे।उसके बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।
NDA के कुल 44 विधायक हैं
मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, NPP और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा में अभी 59 विधायक हैं। एक सीट विधायक की मौत के कारण खाली है। भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में 32 मैतेई विधायक, तीन मणिपुरी मुस्लिम विधायक और 9 नगा विधायक हैं। NDA के कुल 44 विधायक हैं।
विरोध करने वाला कोई नहीं
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम ने कहा, ‘कांग्रेस को छोड़कर 44 विधायक मणिपुर में सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। नई सरकार के गठन का विरोध करने वाला कोई नहीं है। मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से मुलाकात की है।’दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। 9 फरवरी को भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में डेढ़ साल से ज्यादा समय तक चली हिंसा न रोक पाने के चलते काफी दबाव था।मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 3 मई, 2023 से अब तक हिंसा हो रही है। इन दो सालों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं। विपक्षी पार्टियां हिंसा के मुद्दे पर लगातार NDA से सवाल पूछ रही थीं।