
The issue of poor health system of sidhi echoed in the assembly
भोपाल। सीधी की बीजेपी विधायक रिती पाठक ने अपने जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का मामला विधान सभा में उठाया। मध्य प्रदेश के 12 जिलों में से सीधी भी पीपी मॉडल मेडिकल कॉलेज के लिए चुना गया है । लेकिन अभी तक प्रक्रिया शून्य की स्थिति में है । इन तमाम मुद्दों को विधायक रीति पाठक ने सदन में उठाया और स्वास्थ्य मंत्री से इसको लेकर सवाल किए। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से सीधी के स्वास्थ्य व्यवस्था, मेडिकल कॉलेज, रेल, उद्योग धंधा सहित अन्य मुद्दों को जोर दिया है।
इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा
मध्य प्रदेश का सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोग मोहताज हो रहे हैं। शासन भी चिकित्सा व्यवस्था को लेकर यहां कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है । जिला अस्पताल में आधे से अधिक पद चिकित्सकों के खाली पड़े हुए हैं, जिसके चलते आम जनों को इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है. दूर-दूर से मरीज आते हैं और यहां उपचार सुविधा से वंचित रह जाते हैं… ऐसे में यहां कई लोगों की जान चली जाती है ।काफी संख्या में मरीजों को दूसरे जिले या प्रदेश में उपचार के लिए रेफर होना पड़ता है ।
कई डॉक्टरों के पद खाली
सीधी जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के करीब 34 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 12 पद भरे हुए हैं और शेष 24 पद खाली पड़े हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि उपचार व्यवस्था किस तरीके से सीधी में चल रही होगी । कई बार सांसद एवं विधायकों ने इस बात को लेकर मुद्दा भी उठाया गया, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. डॉक्टर यहां पदस्थ होते हैं और दो-तीन दिन बाद ही उनका तबादला हो जाता है । ऐसे में यहां के जो आमजन है, वह छले के तले रह जाते हैं।
‘पीपी मॉडल खत्म किया जाए’
सीधी से विधायक रीति पाठक ने कहा कि सीधी आदिवासी बहुल जिला है । यहां गरीब तबके के लोग रहते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था को शासन द्वारा अपने हाथों में लेकर संचालित करने की आवश्यकता है. पीपी मॉडल से मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन हुआ । एक बार टेंडर भी जारी हुआ, लेकिन कोई निविदाकार ने टेंडर नहीं भरा है । ऐसे में यहां की चिकित्सा व्यवस्था यदि शासन द्वारा अपने हाथ में लेकर संचालित कराई जाए, तो मेडिकल कॉलेज भी बन जाएगा और लोगों को सुविधा भी मिलेगी।
7 करोड़ रुपये का हिसाब दीजिए
सीधी विधायक रीति पाठक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर काफी मुखर है ।एक निजी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उपमुख्यमंत्री से सीधी जिला चिकित्सालय को आवंटित हुए 7 करोड़ रुपये का हिसाब मांग लिया था. एक बार फिर से विधानसभा में जब मौका मिला, तो उन्होंने उपमुख्यमंत्री से सीधी के स्वास्थ्य व्यवस्था, मेडिकल कॉलेज, रेल, उद्योग धंधा सहित अन्य मुद्दों को जोर दिया है।