
The district panchyat president has thr right to persuade the functioning of the ceo
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। त्रि स्तरीय पंचायती राज में जिला पंचायत के अध्यक्ष और सीईओ के कार्यक्षेत्र को लेकर नियत अधिकार दिये हुये है। जिसका पालन करना होता है। जिला पंचायत के अध्यक्षों को चार बिंदुओं पर सीईओ के संबंध में अभिमत लिखने का अधिकार दिया गया है। जिसमे सीईओं के कार्यो को लेकर उत्कृष्ठ, बहुत अच्छा, अच्छा, सामान्य और खराब इस तरह से उल्लेख कर संबंधित पंचायत मंत्री को पत्राचार या ईमेल के माध्यम से प्रेषित कर सकेगें।
मुंजारे ने मंत्री से पूछे सवाल
इस संबंध में बालाघाट विधायक श्रीमती अनुभा मुंजारे ने बताया कि विधानसभा में मेरे द्वारा प्रश्र लगाया गया था और पंचायत मंत्री प्रहलाद सिह पटेल से पूछा गया था कि मध्य प्रदेश पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी की शक्तियां तथा कृत्य नियम 1995 की प्रति देने जिला पंचायत सीईओ के द्वारा उक्त नियमों का पालन किया जाता है या नहीं। इसके अलावा डीआरडी का जिला पंचायत में कुल अमला कार्यरत होने को लेकर तथा उनके नियुक्ति आदेश की प्रति और उक्त अमले को जिला पंचायत में किस आदेश के तहत मर्ज किया गया है,जानकारी मांगी गई थी। साथ ही यह भी पूछा गया था कि सीईओ जिला पंचायत के द्वारा वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्र दिनांक तक पंचायत के अधीन पद धारण करने वाले शासकीय सेवकों के कार्यो का प्रतिवर्ष निर्धारण किया गया है। गोपनीय राय दी गयी है। उसे अध्यक्ष को अग्रेसित किया है या नहीं।
जिला पंचायत अध्यक्ष को अधिकार
विधायक अनुभा मुंजारे के पूछे गये सवाल के संबंध में पंचायत मंत्री श्री पटेल ने विधानसभा को बताया कि राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा या राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जो मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जिला पंचायत के पद पर पदस्थ हैं, उनके संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष 4 बिंदुओ पर त्रैमासिक अभिमत भारसाधक मंत्री पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग को पत्राचार या ई मेल के माध्यम से प्रेषित कर सकेगें।
इसलिए निलंबित किया गया
विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि इसी तरह से जिला पंचायत सीईओ की ओर से अधिनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों की वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्र दिनांक तक पंचायत के अधीन पद धारण करने वाले शासकीय सेवकों के कार्यो का प्रतिवर्ष निर्धारण किया गया है तथा गोपनीय राय दी है। उसे अध्यक्ष को अग्रेसित किया है या नही के संबंध में बताया गया कि जिला पंचायत के एक लिपिक के कारण अध्यक्ष को अग्रेसित नहीं हो सकी थी। जिसके चलते जिला पंचायत के शीघ्र लेखक को निलंबित किया गया है। विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायत अध्यक्षों के लिये जो अधिकार और शक्ति निहीत है,उसका पालन होने चाहिए।