
The big river are only as long as the small rivers will be perennial
बालाघाट। प्रदेश के पंचायत व ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने देव नदी स्थल चोरियां में ग्रामीणों को तय समय में सड़क निर्माण और पंचायत में स्वीकृत आवास पूर्ण कराने का वचन दिया है। मंत्री श्री पटेल बालाघाट जिले से निकलने वाली नदियों के उद्गम स्थलों का अवलोकन करने के लिए शनिवार को एक दिवसीय प्रवास पर रहे। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थलों को जीवंत स्त्रोत बनाये रखने व जल प्रवाह बनाये रखने में उनकी भूमिका को सर्वोपरि माना है।
उद्गम स्थलो पर पूजा अर्चन किया
उन्होंने कहा कि नदियों के जल स्त्रोत या तो दुर्गम स्थानों पर है या पहाड़ों में है। लेकिन इनमें एक समानता है वहां जनजातीय समुदाय जरूर है। बड़ी नदियाँ तब तक ही बड़ी और वर्ष भर जल देने वाली नदी रहेगी जब तक छोटी नदियाँ बारहमासी होंगी। प्रकृति और नदियों को बचाने में जनजातीय समाज का कार्य बड़ा ही सराहनीय रहा हैं। क्योंकि वो प्रकृति से उतना ही लेते है, जितना उनके लिए जरूरी होता है। जनजातियों के व्यवहार में प्रकृति के बचाव के उपाय है। ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल शनिवार को पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रो से निकलने वाली देव नदी,सोन और तन्नोर नदी के उद्गम स्थलो पर पूजा अर्चन किया।
स्वीकृति मंच से प्रदान की
ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने देव नदी उद्गम स्थल पर रह रहे नागरिकों को यह भी वचन दिया है कि अगले साल तक डाबरी-चोरिया-घोटिया- लांजी का 35 किमी.की सड़क और पंचायत में स्वीकृत 204 पीएम आवास बनाकर तैयार करने का वचन दिया है। इस सड़क में जो बाधाएं आ रही थी। उन्हें दूर कर लिया गया है। यहां ग्रामीणों की मांग पर 25 लाख रुपये की लागत से चोरियां में सामुदायिक भवन निर्माण की भी स्वीकृति मंच से प्रदान की। इस दौरान सांसद श्रीमती भारती पारधी ने सम्बोधित करते हुए ग्रामीणों से कहा कि नदियों के उद्गम स्थलों को संवारने का कार्य पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान आज के दौर में सबसे महत्वपूर्ण अभियान है। कार्यक्रम में कटंगी विधायक श्री गौरव पारधी, पूर्व विधायक श्री भगत नेताम, पुलिस अधीक्षक श्री नगेन्द्र सिंह,जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक सराफ, एसडीएम श्री अर्पित गुप्ता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।
अपने बच्चो के लिए लगाए पौधे
ग्रामीण व श्रम मंत्री श्री पटेल ने कहा कि छिंदीटोला में सोन नदी स्थित उद्गम स्थल पर कहा कि पौधा लगाना आवश्यक नहीं है। बल्कि उसको पेड़ बनाना आज की जरूरत है। उन्होंने आव्हान किया कि कोई भी पौधा हो उसको 3 वर्ष बाद लगाते है तो उसकी पेड़ बनने की संभावना प्रबल हो जाती हैं। हममें से कोई भी ऐसा व्यक्ति नही है जो अपने लिए पौधा लगाते है। आने वाली पीढ़ी की भलाई के लिए पौधा अवश्य लगाए। उन्होंने ग्रामीणों से जल गंगा संवर्धन अभियान में अपने बच्चों के लिए पौधे जरूर लगाएं। एक पेड़ ही ऐसा है जो सिर्फ देता ही है हमसे कुछ लेता नहीं है। पेड़ से छाया तो मिलती ही है साथ ही सबसे महत्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन और जल के साथ लकड़ियां मिलती है।
पहुँचे ग्रामीण विकास मंत्री
ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटले ने कहा कि पिछले वर्ष मप्र शासन द्वारा 1 महीने का जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारम्भ किया गया था। तब से ही उन्होंने नदियों के उद्गम स्थलों के अवलोकन और उनके उचित रखरखाव की योजना बनाई है। तब से अब तक वे 54 वी नदी के उद्गम स्थल पर पहुँचे है। 54 वी नदी तन्नोर नदी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश की पहचान नदियों के मायके के रूप में भी जाना जाता है। यहां से 200 नदियां निकलती है जो अन्य नदियों में मिल जाती है।