
Teak forest department is cutting in godari
बालाघाट। वन विभाग की चुप्पी से सागौन की धड़ल्ले से कटाई हो रही है। सूचना के बाद भी वन विभाग नजर अंदाज करता आ रहा है। दक्षिण सामान्य वन मंडल के वन परिक्षेत्र हट्टा में सहायक आवास गोदरी के पास सागौन की अवैध कटाई हो रही है।आरा चलाकर सागौन पेड़ काटे जा रहे हैं। राष्ट्रमत की टीम ने मौके पर जाकर देखा कि जंगल के भीतर सागौन के ठूंठ ही बचे हैं। कई स्थानों में सागौन के पेड़ों के पास टहनियों गिरी पड़ी हैं।
सागौन के पेड़ों में नम्बर नहीं
एक तरफ वन विभाग जंगल की सुरक्षा की बात करता है।दूसरी ओर जंगल के भीतर सागौन के पेड़ आरा लगाकर काटे जा रहे हैं। ऐसा न हो कि वन विभाग को इसकी जानकारी न हो। राष्ट्रमत की टीम ने वन विभाग के अफसरों को बताया, फिर भी उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जाहिर सी बात है कि सागौन के पेड़ की कटाई के पीछे वन विभाग के अफसरों की मंजूरी है। इसीलिए वन विभाग ने हैमबर तक अंकित नहीं किया है। ताकि सवाल न उठें। कटे सागौन के ठूंठ दर्शा रहे हैं कि पेड़ों की अवैध कटाई लगभग एक माह पूर्व में की गई है। जान बूझकर इन ठूंठों पर नंबर नहीं डाले गए ताकि पीओआर जारी न करना पड़े। बालाघाट के जंगलो में सागौन बहुतायत में है जिन पर तस्करों की पैनी नजर होती है। लेकिन यह सबकुछ जानते हुए भी विभागीय अमला सागौन के पेड़ों को कटने दे रहा है।
बड़े लोग भी हैं शामिल
सागौन के पेड़ों की कटाई करने वाले यह नहीं देख रहे है कि पेड़ों की उमर कितनी है। मौैके पर कटे सागौन के पड़ बता रहे हैं कि कम उम्र के पेड़ों की कटाई की जा रही है। जिनमें कुछ ग्रामीण भी शामिल बतायें जा रहे है।वन विभाग का कहना है कि जलाऊ लकडी के लिये सागौन के पेड़ काटे गये होंगे। हैरानी वाली बात है कि जंगल में और भी पेड़ हैं,सागौन ही क्यों काटा जा रहा है?
इसका जवाब वन विभाग के पास नहीं है। गोदरी क्षेत्र में जिस तरह सागौन पेड़ों की कटाई की गयी है उसकी जांच की जाए तो उसके कनेक्शन ऊचे लोगों तक हैं।