
Tahir hussain gets custody parol
नई दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली दंगे का आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर को जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि ताहिर चुनाव प्रचार के बाद हर दिन वापस जेल आना पड़ेगा। साथ ही पुलिस के खर्चे का दायित्व भी निभाना पड़ेगा।
6 दिन की कस्टडी पैरोल
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मंगलवार को दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए 6 दिन की कस्टडी पैरोल दी है। इसके मुताबिक, हुसैन निर्धारित समय के दौरान दिन में जेल से बाहर निकलेंगे और फिर रात को जेल लौटने की शर्त होगी। इस तरह से पुलिस कस्टडी में ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार की इजाजत मिल गई है। 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में चुनाव प्रचार कर सकेंगे।ताहिर इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से मुस्तफाबाद सीट से कैंडिडेट है। ताहिर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘चुनाव में 4 दिन बचे हैं, उसे चुनाव प्रचार के लिए जल्द अंतरिम जमानत दी जाए।’
हर कोई जेल से नामांकन फॉर्म भरेगा
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है। 8 फरवरी को रिजल्ट आएगा। चुनाव प्रचार 3 फरवरी की शाम को खत्म हो जाएगा।हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया, चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं। ऐसे में ताहिर को लोगों के बीच जाना होगा। जहां दंगा हुए थे, वहां उसका घर है। वह मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा है। हम वादा करते हैं कि इस दौरान ताहिर घर नहीं जाएगा। होटल में रहेगा और इसकी पूरी डिटेल कोर्ट को दी जाएगी।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरोल याचिका का विरोध किया। कहा कि दिल्ली दंगों में ताहिर का रोल बेहद गंभीर था। अगर राहत मिली तो हर कोई जेल से नामांकन फॉर्म भरेगा।
पुलिस खर्च के 2 लाख रुपए देने होंगे
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिन के समय (जेल मैनुअल के अनुसार 12 घंटे के लिए) चुनाव प्रचार के लिए रिहा किया जाएगा। रात में जेल लौटना होगा।’ कोर्ट ने हुसैन को सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2.47 लाख रुपए देने को कहा। इस तरह उसे 6 दिन में 14.82 लाख रुपए देने होंगे।
मित्तल ने याचिका खारिज कर दी
ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के आरोप में 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं। 22 जनवरी को ताहिर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर को जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका खारिज कर दी।