
Suryakant released on bail after 3 years
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर (ब्यूरो)। डीएमएफ घोटाले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। इस मामले में अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, शशांक मिश्रा और तुषार गिरि ने पक्ष रखते हुए पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सूर्यकांत तिवारी को सशर्त जमानत देने का आदेश पारित किया। सूर्यकांत ने करीब 3 साल बाद जमानत पर बाहर आते समय जेल के मुख्य गेट के सामने सिर झुकाया। इस दौरान ऐसा भाव प्रकट किया जैसे किसी के पैर छू रहा हो।सूर्यकांत ने 29 अक्टूबर 2022 को जस्टिस अजय सिंह राजपूत की अदालत में सरेंडर किया था।जमानत मिलने के बाद सूर्यकांत को कोर्ट की तय की गई सभी शर्तों का पालन करना होगा।
कोर्ट ने जमानत पर कुछ शर्तें लगाई
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में हुई थी, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्या बागची शामिल थे। बेंच ने मई में दिए गए आदेश के तहत सूर्यकांत तिवारी की जमानत पर कुछ शर्तें लगाई। इसके अनुसार, तिवारी को छत्तीसगढ़ में तभी रहना होगा, जब जांच एजेंसियों या निचली अदालतों को उनकी जरूरत हो।सुप्रीम कोर्ट 2 मामलों की एक साथ सुनवाई कर रहा था। पहले मामले में, सूर्यकांत तिवारी ने DMF घोटाले में अंतरिम जमानत मांगी थी। दूसरा मामला कोयला लेवी घोटाले से जुड़ा था, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी।