
Sunita remains fisheries and paddy stems in the field pond
बालाघाट। वारासिवनी में तुमाड़ी की सुनीता जैराम के खेत मे 2022 में मनरेगा के तहत खेत बनाया गया था। करीब 6 फिट गहराई में बने खेत तालाब से सुनीता और उनके पति मिलकर मछली पालन के साथ ही खरीफ में गेहूं और रबी में धान की फसल ले रहे है। इससे उन्हें 1 लाख रुपये तक का मुनाफा हो पा रहा है।
अच्छा मुनाफा ले रहे
जैराम ने बताया कि वो खेत तालाब से खरीफ में गेहूं और रबी में धान की फसल ले रहें है। रबी में कुछ समय पानी की समस्या जरूर होती है। लेकिन इसकी पूर्ति वो ट्यूबवेल से कर लेते है। ट्यूबवेल से पानी भर कर उसका टैंक के रूप के उपयोग करते हुए मछली पालन भी आसान हो गया है। मछली पालन से करीब 40 हजार रुपये तक का मुनाफा हो जाता है। जबकि गेंहू और धान की फसल से भी करीब 60 से 70 हजार की आमदनी हो जाती है। इस सम्बंध में वारासिवनी सीईओ दीक्षा जैन ने बताया कि वर्ष 2022 में मछली पालन के लिए आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया गया था। लेकिन जन संवर्धन के लिए मनरेगा में ऐसी व्यवस्था की गई जिससे इनका काम हो सकें। अब वे खेत तालाब का इस्तेमाल टैंक के रूप में कर अच्छा मुनाफा ले रहे है। मनरेगा में 3 लाख 81 हजार रुपये की लागत से खेत तालाब का निर्माण किया गया था।