
Student raped-sixth accused in blackmalling scandal abrar arrested
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल (ब्यूरो)। भोपाल के कालेज छात्राओं से रेप और ब्लैकमेलिंग मामले में फरार आरोपी अबरार को पुलिस ने इटारसी से गिरफ्तार किया है। पुलिस को अबरार 20 जून को इटारसी के पास एक होटल में दिखा। उसे वहां से पकड़ा गया। जिसके बाद उसे 21 जून को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। आवश्यकता अनुसार आगे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। अबरार पश्चिम बंगाल का है। रेप के लिए किराये पर मकान दिया करता था। नबील बिहार का है। यह भी छात्रों से दुष्कर्म के लिए मकान किराये पर दिया करता था। अली खान फरहान का दोस्त है वीडियो बनाकर फरहान को भेजा करता था। साहिल फरहान का दोस्त है। जो कि डांस क्लास का संचलाक है। साद मैकेनिक और फरहान का दोस्त है। लड़कियों को गांजा दिया करता था। ये सारे लड़के रेप और लव जिहाद के नेटवर्क के प्रमुख आरोपी हैं।
लंबे समय से फरार था
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-1 रश्मि अग्रवाल दुबे ने बताया कि अबरार लंबे समय से फरार था और पश्चिम बंगाल के एक शहर में रहकर एक निजी कॉलेज से पढ़ाई कर रहा था। 27 अप्रैल को भोपाल पुलिस की टीम जब उसके कॉलेज हॉस्टल में दबिश देने पहुंची थी, उससे पहले ही उसे भनक लग गई और वह वहां से फरार हो गया था।
अबरार था नबील का रूम पार्टनर
इस मामले में अब तक छह आरोपी सामने आ चुके हैं, फरहान, अली, नबील, साहिल, साद, अबरार और हामिद (जिसने बाद में सुसाइड कर लिया)। गैंग का सरगना फरहान ही था, जो सभी आरोपियों का कॉलेज सीनियर था। पुलिस के अनुसार, फरहान ने ही वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का तरीका सिखाया और सभी को छात्राओं को जाल में फंसाने के लिए उकसाया।अबरार की भूमिका को लेकर खुलासा हुआ है कि वह नबील का रूम पार्टनर था। दोनों एक साथ अशोका गार्डन इलाके में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। जांच में सामने आया था कि योजनाबद्ध तरीके से छात्राओं को इसी कमरे में बुलाया जाता था। यहां गांजा पिलाकर उन्हें बेहोशी की हालत में रेप किया जाता था। इसके बाद वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था।
मास्टरमाइंड का एक और खुलासा
भोपाल के छात्राओं से रेप और ब्लैकमेलिंग के मास्टर माइंड फरहान खान के फंडिंग कनेक्शन की जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी कब्जे की जमीन पर अवैध सर्विस स्टेशन और चाय नाश्ते की दुकान का संचालन कराता था।इन दोनों दुकानों से उसे तीन-चार हजार रुपए प्रति दिन के हिसाब से कमाई होती थी। प्रभात चौराहे से जेके रोड जाने वाली सड़क पर अवैध रूप से कब्जा कर उसने चार साल से अधिक समय तक दो दुकानों का संचालन किया।