
वायनाड। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी केरल की वायनाड सीट से जीत हासिल करने के लिए लगातार चुनावी कैंपेन कर रही हैं। वो इस कोशिश में हैं कि वायनाड कांग्रेस के हाथ से न जाए। जब उन्होंने23 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल किया तो उनके साथ उनकी मां सोनिया गांधी भाई राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेता मौजूद थे। वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताना चाहते थे कि वायनाड जीतने के लिए कितने सजग हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता वायनाड में डेरा डाले हुए है और घर घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। वायनाड को प्रियंका गांधी रायबरेली समझ रही हैं।
प्रियंका का वायनाड में पड़ाव
प्रियंका गांधी अपने अभियान के दौरान छोटी-छोटी बैठकों पर ध्यान दे रही हैं। अपने प्रचार में वह मुख्य रूप से विभिन्न स्थानीय मुद्दों को उठा रही हैं। किसानों की समस्याओं, वायनाड लैंडस्लाइड के पीड़ितों का पुनर्वास जैसे मुद्दों पर बात कर रही हैं। प्रियंका गांधी के अभियान के मैनेजमेंट के लिए वायनाड में प्रियंका एकदम स्थानीय नेता की तरह प्रचार कर रही हैं। यूपी में नुक्कड़ सभाओ की तरह प्रियंका गांधी हर दिन पूरे निर्वाचन क्षेत्र में छोटी बैठकें करेंगी और हर सभा में 500-1000 लोगों को संबोधित करेंगी। यह यूपी में नुक्कड़ सभाओं जैसा ही है।
पार्टी समन्वयक नियुक्त
कांग्रेस नेतृत्व ने वायनाड के सातों विधानसभा क्षेत्रों के लिए पार्टी समन्वयक नियुक्त किए हैं। जिनमें इडुक्की के सांसद डीन कुरियाकोस, कासरगोड के सांसद राजमोहन उन्नीथन, पेरावूर के विधायक सनी जोसेफ, कोझीकोड के सांसद एम के राघवन, करुनागपल्ली के विधायक सीआर महेश, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन और पथानामथिट्टा के सांसद एंटो एंटनी शामिल हैं। कांग्रेस ने अपने यूडीएफ सहयोगी आईयूएमएल के साथ मिलकर वायनाड अभियान की देखरेख के लिए आईयूएमएल नेता सैयद अब्बास अली शिहाब थंगल की अध्यक्षता में 27 सदस्यीय केंद्रीकृत पैनल का गठन किया है। कांग्रेस के वंडूर के विधायक ए पी अनिल कुमार पैनल के महासचिव हैं। जबकि कलपेट्टा से पार्टी विधायक टी सिद्दीकी इसके समन्वयक हैं।
कार्यकर्ताओं पर भरोसा
प्रियंका गांधी अपने चुनाव अभियान में राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान देर रही हैं। लोकसभा चुनावों में था। वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को केंद्र द्वारा मुआवजा न दिए जाने जैसे स्थानीय मुद्दे पर भी बात करती हैं। स्थानीय स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं कि उन्हें प्रियंका जी के लिए प्रचार करने का मौका मिल रहा है। प्रियंका पंचायत चुनाव के बूथ और स्थानीय निकायों के स्तर पर कार्यकर्ताओं पर भरोसा कर रही हैं।