
बालाघाट (ब्यूरो)। कहने के लिए जंगल जंगली जानवरों का घर है। लेकिन घर में भी उनकी जान का खतरा बना रहता है। बाघों की मौत के पीछे वर्चस्व की लड़ाई या फिर बाघिन की वजह से आपसी जंग में बाघ मर रहे हैं। इसके अलावा चीतल,सांभर,भालू,तेंदुआ आदि जानवरों की मौैत तेज रफ्तार वाले वाहनों की वजह से हो रही है। कायदे से वन विभाग को चाहिए कि जंगल में जहां भी सड़कें हैं या फिर वाहनों के निकलने के रास्ते हैं,उन मार्गो पर स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं।
मौत का कारण बन रहा
कान्हा नेशनल पार्क बाघों के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां बाघों की आपसी लड़ाई,भूख और प्यास उनकी मौत का कारण बनना हैरान करता है। जानवरों में वर्चस्व की लड़ाई या फिर बाघों के बीच बाघिन के प्रति प्रेम भी उनकी मौत का कारण बन रहा है। कायदे से वन विभाग के गश्ती दल को चाहिए कि वो लड़ने वाले बाघों को अलग करने की दूर तक खदेड़े। ताकि कान्हा नेशनल पार्क में बाघ बचें।
वर्चस्व की जंग में मौत
देखा जा रहा है कि पिछले कुछ साल से कान्हा नेशनल पार्क में जंगली जानवरों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गत रविवार को लगभग 05 वर्षीय नर बाघ की वर्चस्व की जंग में मौत हो गई। बाघ का मृत शव वन भूमि कक्ष क्रमांक 319 बीट पटुवा वृत वन परिक्षेत्र सूपखार के अंतर्गत गश्त दल को मिला। कार्यालय क्षेत्र संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला ने बताया कि एनटीसी नई दिल्ली एवं कार्यालय मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक मध्यप्रदेश भोपाल से जारी दिशा निर्देश अनुरूप त्वरित कार्यवाही की गयी। बाघ की छानबीन की गयी। मृत बाघ की पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मौत आपसी सघर्ष की वजह से हुआ। दो दिन पूर्व जिले के कटंगी क्षेत्र में भी एक बाघ की भूख प्यास से मौत हो गई। जिसके गले में क्लच वायर का फंदा मिला था। जो शिकारियों द्वारा बिछाये गये फंदे में फंसा था। लेकिन इस तरह निंरतर बाघों की मौत की खबर बेहद ही आहत करती है।
अज्ञात वाहन से भालू की मौत
बाघ की मौत के बाद मंगलवार की मध्यरात्री करीब 01 बजे एक भालू की मरने की खबर सामने आयी। लामता मार्ग पर गुर्जरटोला के पास किसी तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने वन्यप्राणी भालू और उसके बच्चे को पहिये तले रौंदकर फरार हो गया। किसके वाहन से मौत हुई इसका पता नहीं चला। भालू और उसके बच्चे के शव का अंतिम संस्कार जंगल में ही उत्तर वन मंडल ने कर दिया।
हिट एंड रन का केस
एसडीओ साकरे ने बताया कि यह हिट एंड रन का केस है। जिसमें लगभग पांच साल उम्र की मादा भालू और लगभग डेढ़ वर्षीय उसके बच्चे की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई। वन विभाग द्वारा सभी वन नाकों के वाहन रजिस्टर और सीसीटीवी की जांच करने के बाद वाहन की तलाश की जा रही है। यहां अधिकारियों ने भी माना कि आये दिन वाहनों की तेज रफ्तार की वजह से चीतल,सांभर,भाूल,तेंदुआ बाघों की मौत हो रही है।जरूरी है कि जंगल में जहां जहां सड़कें है या रास्ते हैं वहां स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं।