
Preparation to send rahul to jail
नई दिल्ली ( रमेश तिवारी‘ रिपु’ ) । बीजेपी राजनीति के जिस रास्ते पर निकल पड़ी है,उससे सवालों के पट खुल गए हैं। सवाल यह है कि क्या झूठ की छड़ी लेकर संसद से सड़क तक बीजेपी और उसकी पार्टी के लोग चलेंगे।राजनीति इतना नीचे स्तर पर आ जाएगी इतना तो अटल बिहारी बाजपेयी भी कभी नहीं सोचे होंगे। दो गुजरातियों ने गजब की राजनीति की है। 19 दिसम्बर को संसद परिसर में जो हुआ और उसके बाद जो हुआ, क्या यही राजनीति का गुजरात माॅडल है? बीजेपी और अनुराग ठाकुर सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ मनोहर कहानी की तरह जो स्क्रिप्ट तैयार की उसकी इबारत की स्याही कोर्ट पहुंचने तक उढ़ जाएगी।
बयान में विरोधाभास
अडानी मामले की आग बुझाने और विपक्ष का ध्यान बांटने के लिए राजनीति को नया मोड़ देने बीजेपी ने जो किया वह हैरान करता है। इसलिए कि संसद परिसर में किसके धक्के से ओड़िसा के सांसद प्रताप चन्द्र सारंगी चोटिल हुए इसे सीसीटीवी में कोई नहीं देखना चाहता। सांसद चन्द्र प्रताप सारंगी केे बयान को बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर दरकिनार कर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराने थाने पहुंच गए। चन्द्र प्रताप सारंगी कहते हैं, पीछे से धक्का दिया जा रहा था। राहुल गांधी आगे थे। राहुल गांधी ने एक एमपी को धक्का दिया और वो मेरे ऊपर आ गिरा। यही बात मुकेश राजपूत बीजेपी सांसद फरूखाबाद कह रहे हैं कि राहुल गांधी आगे थे,पीछे से धक्का आ रहा था। जाहिर सी बात है कि राहुल गांधी ने न सांसद मुकेश राजपूत को धक्का दिया और न ही चन्द्र प्रताप सारंगी को धक्का दिया। बावजूद इसके अनुराग सिंह ठाकुर राहुल के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुंच गए। राहुल के खिलाफ सात विभिन्न धाराओं में एफआईआर भी दर्ज हो गयी। हैरानी वाली बात है कि बीजेपी के दोनों सांसदों के बयान में ऐसा नहीं कहा गया कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया। संसद परिसर में यदि कुछ होता है,उस पर एक्शन लेने का अधिकार केवल राज्य सभा के अध्यक्ष और लोकसभा के अध्यक्ष को है। अनुराग सिंह ठाकुर किस हैसियत से राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए। यह सवाल उठना लाजिमी है।
संसद की लड़ाई मारपीट पर आई
सन् 2014 के बाद से बीजेपी की राजनीति का रंग बदल गया है। यह सारा लोकतंत्र जानता है। अमितशाह गृहमंत्री हैं। पुलिस भी उनकी है। जाहिर सी बात है,ऐसा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। सवाल यह है कि बीजेपी के नेता दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी ने धक्का दिया है।लेकिन उनके दावे का कोई सबूत नहीं है।संसद परिसर में सीसीटीवी चप्पे- चप्पे में लगे हैं। उसे ही देख लेते। आखिर कौन किसे धक्का दे रहा है। कौन किसे संसद के अंदर नहीं जाने दे रहा है। कौन किसे धमका रहा है। संसद की लड़ाई मारपीट पर आ जाएगी, इसकी कल्पना कभी किसी ने नहीं की रही होगी।
इतना झूठ कहां से लाते हैं शिवराज
राजनीति में झूठ कितना बोला जा सकता है, इसे कोई शिवराज सिंह चैहान से समझे। वो दावा करते हैं, जब सांसद मुकेश राजपूत को देखने वो राममनोहर लोहिया अस्पताल गए, तब वो बेहोश थे। लेकिन टीवी चैनल में दिखाया जा रहा था कि मोदी का फोन आने पर मुकेश राजपूत आईसीयू के बिस्तर की बजाए कुर्सी पर बैठे मोदी को बता रहे थे कि पहले से वो ठीक हैं। लेकिन चक्कर आ रहा है। सवाल यह है कि जिस व्यक्ति को शिवराज सिंह चैहान मीडिया को बेहोश बता रहे थे, वो फोन पर मोदी से बातें कैसे कर रहा था। इतना ही नहीं राममनोहर लोहिया अस्पताल के डाॅक्टर अजय शुक्ला कह रहे थे मुकेश राजपूत को हेड इंजूरी आई है। ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। यानी उन्हें हार्ट अटैक भी आ सकता है। डाॅक्टर शुक्ला का फिल्मी संवाद बोलना भी हैरान करता है। यानी कह सकते है कि वो सरकार की भाषा में बात कर रहे थे। ईश्वर न करे कि इन दोनों सांसदों को कुछ हो जाए। अन्यथा अभी राहुल गांधी के खिलाफ 307 का फंदा है फिर 302 का फंदा लग जाएगा।
वो वीडियो है कहां
जाहिर सी बात है कि अमितशाह ने संसद में अम्बेडकर के संदर्भ में जो बातें कही, उससे फंस गए हैं। उससे बचने और देश का ध्यान बांटन के लिए राहुल गांधी को कानून के चक्रव्यूह में घेरा जा रहा है। अनुराग ठाकुर कह रहे हैं कि राहुल गांधी ने हत्या का प्रयास किया है। सवाल यह है कि संसद के अधिकारी और गोदी मीडिया ने अभी तक वो वीडियों क्यों नहीं दिखाया,जिसमें राहुल गांधी दोनों सांसदों को धक्का दे रहा हैं। राहुल गांधी को बीजेपी को कोई भी सांसद धक्का नहीं दे रहा है। संसद परिसर हाईजोन एरिया में आता है,वहां इस तरह हो सकता है,तो फिर आम आदमी के साथ कुछ भी, कहीं भी हो सकता है।
झूठ ही झूठ है स्क्रिप्ट में
जाहिर सी बात है कि अमितशाह ने संसद में अम्बेडकर के संदर्भ में जा बात कही,उससे बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। वैसे यह कहकर मामले को शांत कर सकते थे कि बोलना कुछ था,निकल कुछ गया। इसका मुझे खेद है। लेकिन वो मीडिया को सफाई देने लगे कि मेरे बयान को तोड़ा मरोड़ा गया है। उस मीडिया के सामने कह रहे हैं,जो रात दिन उन्हें ही दिखाता है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि राहुल को विलेन बताकर अमित शाह को बचाने की बीजेपी स्क्रिप्ट तैयार की है। लेकिन इस स्क्रिप्ट में केवल झूठ की कहानी से ज्यादा कुछ नहीं है। तभी तो देश भर में कांग्रेस ने अमितशाह के खिलाफ प्रदर्शन किया तो मुंबई मंे बीजेपी नेताओ ने कांग्रेस कार्यालय में तोड़ फोड़ किया।
सिर्फ धक्का देने के लिए ब्लेक ब्लेट
सवाल यह उठता है कि 240 सांसदों की सरकार नेता प्रतिपक्ष को हिंसक और खलनायक बताने में तुली हुई है। वैसे भी देश भर में राहुल गांधी के खिलाफ अब तक कुल 21 मामले अलग अलग बीजेपी राज्यों में दर्ज हैं।सोचने वाली बात है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने जेल में जाकर अपने पिता के हत्यारों को माफ कर दिया। उस व्यक्ति को बीजेपी वाले हिंसक बताने में लगे हैं। अब तो उनकी सांसदी खत्म करने की नोटिस लोकसभा के अध्यक्ष को दी गयी है। वो कौन बीजेपी का संासद है,जो प्रियंका गांधी के करीब जाने की चेष्टा कर रहा था भीड़ में । उसके बारे में बीजेपी का कोई भी सांसद नहीं बोल रहा है। उसका क्या इरादा था,सहज ही समझा जा सकता है। राहुल गांधी जूड़ो कराटे में ब्लेक ब्लेट हैं। क्या सिर्फ धक्का देने के लिए हैं? इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि राहुल गांधी को अरेस्ट करने के लिए यह सब सियासी ड्रामा किया गया है। गंभीर धाराओं में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। देर सबेर उन्हें अरेस्ट करने की भी राजनीति पुलिस कर सकती है।
राजनीति में दोनों सांसदों की तबीयत खराब होने से केवल बीजेपी को फायदा होगा। इससे कांग्रेस की सेहत खराब होगी। बीजेपी नहीं चाहती कि राहुल गांधी संसद में अडानी के खिलाफ कोई सवाल करें। अंबेडकर के जरिये अमितशाह को घेरें।राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने मनोहर कहानियां की तरह जो सियासी ड्रामे की स्क्रिप्ट तैयार की है,उससे आने वाले समय में और भी कुछ होगा।
राष्ट्रमत के नेशनल हेड रमेश तिवारी‘ रिपु’