
River thirsty ,village thirsty ,fields thirsty ,wher was water saved
बालाघाट। जिस तेजी से तापमान बढ़ रहा है,उसी तेजी से पानी की मांग उठ रही है। सवाल यह है कि जिला प्रशासन वर्ष भर पानी बचाया तो गया कहां? जिला पंचायत ने पानी बचाने की दिशा में काम वर्ष भर करता है तो फिर गांव के गांव आज प्यासे क्यों है?हर गांव का सरपंच,पंच आज जिला पंचायत में आकर रो रहा है। उसके गांवों को पानी मिल सके इसलिए राजीव सागर बांध से पानी छोड़ने की बात अधिकारियों से कर रहा है। गांव तक जल आवर्धन योजना के जरिये पानी पहुंचाने की बात करने वाला प्रशासन आज बगले क्यों झांक रहा है? पंचायत मंत्री रीवा में कह रहे थे कि हर पंचायत में जल संरक्षण के कार्य किये जाएं। पूरे बरस आखिर क्यों नहीं किया गया। यह सवाल कलेक्टर से लेकर पंचायत के सीईओ से भी है।
फाइलों में पानी बचाया
फाइलों में पानी बचाया तो फिर फाइलों से ही पानी निकालिये हुजूर कलेक्टर। आज केवल बालाघाट ही नहीं कटंगी और तिरोडी क्षेत्र की भोंडकी,बड़पानी,महकेपार, मासुलखापा, कोडबी, दिग्धा, आंजनबिहरी, बम्हनी, बोनकट्टा, हरदोली, पुलपुट्टा, हरिटोला, हेटी, छतेरा, चंद्रकुआ,टुईयापार,टेकाडी, चिचोली, शंकर पिपरिया, डोंगरिया और मोवाड़ गांव में पानी की समस्या बढ़ गई है। कोई एक गांव प्यासा हो तो आप कह सकते हैं कि चूक हो गयी। सैकड़ों गांव प्यासे हैं। जाहिर सी बात है कि जिला प्रशासन ने केवल फाइलों में ही पानी बचाया।
राजीव सागर बांध से पानी छोड़ें
गुरूवार को कटंगी तिरोडी क्षेत्र की कई पंचायतों के सरपंच मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने अपने अपने गांव की पानी की समस्या का दुखड़ा सुनाया और उनका दुखड़ा सुनने वाले अफसर मौन रहे। दर्जनों गांव से आए ग्रामीण जिला पंचायत हो या फिर कलेक्ट्रेट सभी जगह प्रशासनिक अधिकारियों से यही मांग कर हे हैं कि अब रहम कीजिए साहब राजीव सागर बांध से बावनथडी नदी में पानी छोड़ दीजिये।
बावनथड़ी नदी भी प्यासी
इन दो दर्जन गांवो में जल स्त्रोत सूख गये हैं। खेतों में लगी फसले भी सूख रही है। ये सभी गांव बावनथड़ी नदी के किनारे बसे हुए हैं। जो इन गांवो के लिये जीवनदायिनी नदी है। लेकिन जीवन देने वाली नदी का अस्तित्व ही खतरे में आ चुका है। ये नदी स्वयं प्यासी हो चुकी है। लंबे अरसे से बारिश ना होने के कारण जलस्तर अधिक गहाराई में जा चुका है। किसान बार बार राजीव सागर बांध से बावनथड़ी नदी मे पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। जब सब्र की इंतिहा हो गई तो दर्जनो गांवो के सरपंचो ने एकजुट होकर मुख्यालय में ही हाजरी लगा दी। राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी मे छोड़ने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि बावनथड़ी नदी मे पानी आता है तो नल जल योजना तथा कृषी सिंचाई वाले कुओं का जल स्तर फिर बड़ जावेंगा।
इनका कहना है…
क्षेत्र के अधिकांश जलस्त्रोत सूख गये हैं। और पानी की समस्या बढ़ गई है। यह समस्या हर साल बनती है। राजीव सागर बांध से पानी छोडा जाता है तो समस्या हल हो जाती है। हमारी मांग है कि इस वर्ष भी बांध का पानी बावनथडी नदी में छोडा जाये,ताकि सभी जलस्त्रोत रिचार्ज हो जायें। जल्द से जल्द पानी छोड़ा जाना चाहियें। साथ ही भविष्य को देखते हुए बावनथडी नदी में चेकडेम भी बनाये जाने चाहियें।
दीपक पुष्पतोड़े, सरपंच ग्राम पंचायत आजंनबिहरी