
Rice of balaghat at dubai food expo
बालाघाट(ब्यूरो)। चावल से अब देश दुनिया में बालाघाट की पहचान बनने जा रही है। अभी तक बालाघाट में उत्पादित हो रहे आई.आर. 64 चावल की ही धूम थी। अब कुछ नई किस्म के चावल से भी बालाघाट की नई पहचान बनने की संभावना बढ़ गयी है। दुबई के वल्र्ड सेंटर में 17 फरवरी से 22 तक 140 देश के प्रतिनिधियों ने शिरकत किया। इस फूड एक्सपो में आकाश इंडस्ट्रीज राइस मिल के पलाश सोमानी बालाघाट की कुछ चुनिंदा किस्मों की राइस लेकर पहुँचे थे। बालाघाट की कुछ और राइसों का निर्यात विदेशों में होने के आसार बढ़ गए हैं।
राइस सेलिंग की उम्मीद बढ़ी
इस फुड एक्सपो में पलाश सोमानी भी अपना स्टाल लगाए थे। साथ ही केसर एग्रोटेक के रवि वैद्य डायरेक्ट राइस सैलिंग की संभावना तलाशने पहुँचे थे। उन्होंने बताया कि हम अफ्रीकन और गल्फ देशों में चावल निर्यात करते हैं। बालाघाट में उत्पादित होने वाले चावल अधिक से अधिक देशों को निर्यात हो सकें, इसकी संभावनाएं तलाशने पहुंचे हैं।
दर्जनों ट्रेडर्स से हुई चर्चा
केसर एग्रोटेक के वैद्य ने बताया कि बालाघाट से भी सीधे विदेशों में चावल एक्सपोर्ट कर सकते है। अभी वे अ्रप्रत्यक्ष रूप से प्रतिवर्ष 1400 से 1500 एम.टी. राइस एक्सपर्ट कर रहे हैं। सीधे निर्यात करने में भुगतान समय पर नहीं हो पाता है। हालांकि अब भारत शासन की ईपीसी पालिसी के चलते एक सप्ताह में निर्यातक को पैसा मिला जाता है। श्री वैद्य ने 18 से 20 फरवरी तक एक्सपो में अलसास क्षेत्र में ट्रेडर्स के साथ प्रोडक्ट डीलिंग पर चर्चाएं की। उन्होंने वहां 30 से 40 ट्रेडर्स के साथ चर्चाएं की।
निर्यात के लिए संवाद करेंगे
निर्यात संवर्धन परिषद ईपीसी सलाहकार निकाय हैं जो भारत सरकार की नीतियों में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। उद्योग और सरकार के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करते हैं। ईपीसी भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी खरीदारों को भारतीय निर्यातकों तक आसानी से पहुँचने के लिए एक तंत्र प्रदान करने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकें व्यापार मेले प्रदर्शनियाँ और सूचना बूथ जैसी बड़ी संख्या में प्रचार गतिविधियाँ आयोजित करता है। भोपाल में आयोजित दो दिवसीय 24 व 25 फरवरी का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 एक ऐसा ही अवसर है। जिसमें देश विदेश के बायर व सेलर्स मौजुद रहेंगे। जो अपने उत्पादों के निर्यात के संबंध में संवाद कर सकते हैं।
नयी संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे
वर्तमान समय में मप्र में भी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार आगे आ रही है। इससे देश विदेश में निवेश और प्रोक्योरमेंट के साथ ही एक्सपोर्ट में ज्यादा अवसर मिल सकेंगे। अभी आईआर 64 अफ्रीकन देशों में गुयाना, सोमालिया, बेनिन टोगो सहित गल्फ के देशों में पसन्द किया जा रहा है। दुबई में 140 देशों की बैठक से कई नए संभावनाओं के दरवाजे खुलने के आसार हैं।