
भोपाल। जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के दस माह बाद कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी गठित की। लेकिन उनकी कार्यकारिणी विवादित हो गयी। लगातार इस्तीफे का खेल चल रहा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल से पहले दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण ने तंज कसा। राहुल ने कहा जिन नेताओं की वजह से कांग्रेस की दर्दुशा हुई, उन्हीं लोगों के कहने पर कार्यकारिणी गठित की गयी। अजय सिंह इसलिए नाराज हैं कि जीतू की टीम में अन्य क्षेत्रों की तुलना में विंध्य क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व मिला है।
रैगांव की कल्पना ने इस्तीफा दिया
अभी तक भोपाल और मालवा क्षेत्र में ही विरोध सामने आया था लेकिन अब विंध्य क्षेत्र में भी पार्टी कार्यकर्ता असंतोष जाहिर कर रहे हैं। सतना की रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने की कोई बात नहीं की है।
कल्पना ने जीतू को पत्र लिखा
रैगांव विधानसभा से पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र लिखा है कि वे भी अपना पद छोड़ रही हैं। वे प्रदेश कांग्रेस में कई बड़े पदों पर रह चुकी हैं और उनका मानना है कि जो मौका उन्हें दिया गया है वह उनके क्षेत्र के किसी दूसरे कार्यकर्ता को मिलना चाहिए। कल्पना वर्मा को जीतू पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया था।
अजय सिंह उठाए सवाल
अजय सिंह को कार्यकारी समिति में रखा गया है। अन्य क्षेत्रों की तुलना में विंध्य क्षेत्र को कम प्रतिनिधित्व मिलने की वजह से उन्होंने कहा कि 20 साल हो गए हैं और उन्हीं लोगों के चलते निर्णय हो रहे है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक अपना विधानसभा क्षेत्र देखेगा या फिर संगठन का काम देखेगा।
लक्ष्मण सिंह का तंज
लक्ष्मण सिंह ने भी प्रदेश कांग्रेस की नई टीम पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर ये सभी अपनी विधानसभा जितवा दें तो सरकार बन जाएगी। पर क्या ऐसा होगा? अभी तक यह अद्भुत प्रयोग सफल नहीं हुआ है। इसी तरह की नाराजगी ग्वालियर.चंबल के साथ इंदौर और भोपाल के नेताओं की भी सामने आई है। जीतू पटवारी की नई टीम के लिए कांग्रेस ने दो सूची में नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की थी जिससे अब तक कई सीनियर नेताओं की नाराजगी सामने आई है। कांग्रेस की नई टीम के सामने आने के बाद से ही नेताओं के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। इस्तीफा सिलसिला थम नहीं रहा है।
इस्तीफे की झड़ी
जीतू पटवारी की कार्यकारिणी पर असंतोष जताने वाले नेता मालवा से ही सबसे पहले सामने आए। कांग्रेस नेता मोनू सक्सेना को सचिव बनाया गया था। लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया। पूर्व महासचिव राम लखन दंडोतिया ने भी इस्तीफा दे दिया। इन लोगों ने अपने इस्तीफा में लिखा कि पूर्व कांग्रेस नेता सुरेश पचैरी के कहने पर लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। जबकि सुरेश पचैरी खुद कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। इंदौर के पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने भी इस्तीफा दे दिया। इसी तरह अमन बजाज अफसर पटेल ने भी इस्तीफा दे दिये हैं। भोपाल कांग्रेस के शहर अध्यक्ष रहे प्रदीप सक्सेना मोनू् को जीतू पटवारी की टीम में सचिव बनाया गया है। मोनू ने सचिव पद लेने से इनकार करते हुए सोशल मीडिया पर इस पद से इस्तीफा दिया है।