
BOMBAY HIGH COURT
मुंबई। बाम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ सेक्स के मामले में कहा कि सहमति के साथ भी संबंध नहीं बनाए जा सकते हैं। ऐसे मामलों में पति के खिलाफ रेप का मामला चलाया जाएगा। हाईकोर्ट ने एक मामले में दोष सिद्धि को बरकरार रखा है। दोषी का तर्क था कि पीड़िता के साथ यौन संबंध सहमति से बनाए गए थे और उस समय वह उसकी पत्नी थी। आरोपी का कहना था कि उसके खिलाफ बलात्कार का मामला नहीं चलाया जाना चाहिए।
सेक्स बलात्कार माना जाएगा
हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में जस्टिस गोविंद सनप ने एक मामले में कहा कि कानून के मद्देनजर यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती कि अपीलकर्ता का पीड़ित पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार या यौन हिंसा नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर लड़की की उम्र 18 साल से कम है फिर चाहे वह उसकी पत्नी ही क्यों ना हो, उसके साथ सेक्स बलात्कार माना जाएगा।
क्या है पूरा मामला
25 मई 2019 को एक शख्स को बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया। एक नाबालिग लड़की ने उस पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में 9 सितंबर 2021 को वर्धा जिले के ट्रायल कोर्ट ने युवक को पीओसीएसओ एक्ट के तहत दोषी पाया था। इसके बाद शख्स हाईकोर्ट पहुंचा। जिस समय शख्स को गिरफ्तार किया गया था उस समय लड़की 31 सप्ताह की गर्भवती थी। पीड़िता की ओर से कहा गया कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग थे और अपीलकर्ता ने उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए और शादी का झूठा वादा कर इसे जारी रखा।
जब पीड़िता गर्भवती हुई तो उसने शख्स से शादी के लिए कहा। बाद में शख्स ने किराए पर एक घर लिया और पड़ोसियों की मौजूदगी में उसे हार पहनाकर अपनी पत्नी बताया। रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद उसने शिकायतकर्ता से गर्भपात कराने के लिए जोर डाला। पीड़िता ने इससे इनकार कर दिया। शख्त लगातार उसके साथ मारपीट करने लगा। पीड़िता को उसके माता-पिता के घर पर भी पीटा गया। इसके बाद पीड़िता ने शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। ट्रायल कोर्ट में क्रास एग्जामिनेशन में पीड़िता ने स्वीकार किया है कि उसने बाल कल्याण समिति में शिकायत की है। साथ ही तस्वीरों के हवाले से अधिकारियों को बताया था कि वह उसका पति है। अब इसके आधार पर अपीलकर्ता ने कहा था कि यौन संबंध सहमति से बने थे।