
PPP model obstructed in the way of medical college
बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट में मेडिकल कालेज बनने की राह में पीपीपी माॅडल रोड़ा बन गया है। जबकि जून 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंजूरी दे दी थी। अक्टूबर 2023 को भूमिपूजन हुआ था। लेकिन भूमिपूजन के 17 महीनों बाद मेडिकल कालेज का निर्माण अधर में है।
निवेशक की दिलचस्पी नहीं
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने बालाघाट सहित दस जिलों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप पीपीपी माॅडल के तहत मेडिकल कालेज बनाने की योजना लाई है। लेकिन हाल ही में मप्र शासन ने मेडिकल कालेज निर्माण को लेकर निविदा जारी की। जिसमें किसी भी निजी निवेशक ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सी.एम. राजेंद्र शुक्ल से मिलकर बालाघाट में मेडिकल कालेज का निर्माण पीपीपी माडल के बजाय राज्य शासन मद से कराने की मांग रखी है। भोपाल में हुई इस चर्चा में पूर्व मंत्री बिसेन ने आदिवासी जिला होने का हवाला देकर बालाघाट में जल्द से जल्द मेडिकल काॅलेज की आवश्यकता बताई।
भूमिपूजन तक मेडिकल काॅलेज
विदित हो कि बालाघाट में लंबे समय से मेडिकल काॅलेज की मांग की जा रही हैं। इस मुद्दे को राजनीतिक दलों ने चुनावी मुद्दा भी बनाया और जमकर सुर्खियां भी बटोरी। पूर्वमंत्री गौरीशंकर बिसेन मेडिकल काॅलेज को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। यहीं वजह है कि 2023 में कैबिनेट में मंजूरी मिलने के तीन महीने के बाद बालाघाट में इसका भूमिपूजन भी हुआ, लेकिन इसके आगे की प्रक्रिया कुछ नहीं हुई।
बाउंड्रीवाल निर्माण पर काॅलेज
एक तरफ प्रदेश सरकार पीपीपी माॅडल के जरिए मप्र में मेडिकल काॅलेज बनाने का मन बना चुकी हैं, तो दूसरी तरफ अस्पताल और मेडिकल काॅलेज दोनों का खर्च अथवा निवेश 500 करोड़ रुपए से अधिक हंै। यही वजह हैं कि निवेशक यह फैसला ले नहीं पा रहे हैं। बालाघाट में बनने वाले मेडिकल काॅलेज के निर्माण पीपीपी माॅडल बाधा बन रहा हैं। बालाघाट में मेडिकल काॅलेज को स्वीकृत कराने से लेकर इसके लिए स्थान तय करने की स्थिति नहंी बन पायी। हालांकि वारासिवनी रोड पर डोंगरिया में मेडिकल काॅलेज बनना तय हैं। देर सवेर वर्तमान में यहां बाउंड्रीवाल का काम जारी हैं। लेकिन आगे की निर्माणाधीन प्रक्रिया अटकी पड़ी है।
सीएम ने साधी चुप्पी..
पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने मेडिकल काॅलेज के लिए भटेरा अथवा गोंगलई कृषि उपज मंडी के सामने भूमि का चयन किये जाने की बात की थीं। लेकिन अंत में इस प्रस्ताव पर आए विरोध और सुझावों के बाद इसे डोंगरिया में बनाने पर अंतिम मुहर लगी। हाल हीं मे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बालाघाट दौरे पर आये थे और मीडिया ने एक चर्चा मे उनसे मेडिकल काॅलेज को लेकर सवाल किया, लेकिन सी.एम. मोहन यादव ने मीडियाकर्मी के इस सवाल का जवाब नहीं दिया। बालाघाट मे मेडिकल काॅलेज का सपना शायद अधूरा हीं रह जायेगा। जबकि पड़ोसी जिला सिवनी में सरकारी मेडिकल काॅलेज बनकर लगभग तैयार है और बालाघाट में यह मामला अधर में है। जो स्वीकृति के 20 महीनों बाद भी पीपीपी माडल के तहत निवेशक नहीं मिलने से निर्माण अधर में है।