
Poster politics over nitishs son in bihar heats up
पटना / नई दिल्ली (ब्यूरो)। पटना में इसी साल चुनाव होने वाले हैं। अभी से पोस्टर वाॅर की राजनीति शुरू हो गयी है। एक पोस्टर ने बिहार की सियासत में एक नयी बहस को जन्म दे दिया है। आखिर नीतीश के मन में क्या चल रहा है। क्या उनका बेटा सक्रिय राजनीति में सक्रिय होने वाला है। दरअसल कुछ दिन पहले नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने अपने पिता के समर्थन में कहा था कि मेरे पिता ने बिहार में अच्छा काम किया है। उनको फिर से लाइए और उनकी पार्टी को वोट कीजिए।
निशांत के इस बयान के बाद यह कयास लगाया जाने लगा कि उनकी राजनीति में इंट्री हो सकती है। निशांत कुमार होली के बाद अपने पिता की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर सकते है। और साथ ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि नितिश कुमार के गृह जिला हरनौत से उनको विधानसभा का टिकट दिया जा सकता है। उनके बयान के आधार पर पटना में पोस्टर वार शुरू हो गया है। जहां कांग्रेस के नेता रवि गोल्डेन कुमार ने पोस्टर जारी कर कहा है कि अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा। जनता जिसको चाहेगा राजा वही बनेगा। रवि गोल्डेन कुमार खुद को कांग्रेस से हरनौत का भावी विधायक उम्मीदवार बताते हुए यह पोस्टर जारी किया है।
राजनीति और अध्यात्म
अभी हरनौत सीट से जेडीयू के हरि नारायण सिंह विधायक है। इन सबसे अलग निशांत कुमार कह चुके है कि उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनका रुचि अध्यात्म की तरफ है। दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की अभी तक राजनीति में एंट्री नहीं हुई और ना ही उनकी पार्टी सदस्यता को लेकर अभी तक किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि की गई है। हालांकिए कई नेता यह जरूर कह चुके हैं कि अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो यह अच्छी बात है।खुद को प्रजा का बेटा कहने वाले रवि 2020 के चुनावों में हरनौत से कांग्रेस का टिकट पाने में कामयाब नहीं हो पाए थे। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व इस समय जेडीयू के वरिष्ठ नेता हरि नारायण सिंह करते हैं।
जेडीयू ने पोस्टर को बताया बेतुका
इस पोस्टर को लेकर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा यह बेतुका राजनीति है। हालांकि, पार्टी की तरफ से निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है। जेडीयू के एक बड़े तबके का मानना है कि निशांत ही नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी हैं। कांग्रेस ने कहा कि रवि गोल्डेन कुमार को अपने विचार रखने का पूरा अधिकार है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने कहा, ‘हालांकि विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारी के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन रवि गोल्डेन कुमार ने अपने विचार व्यक्त करने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया है। हम निशांत का राजनीति में स्वागत करेंगे, लेकिन रिकॉर्ड को सही करने की जिम्मेदारी जेडीयू पर है।’
परिवारवाद की राजनीति और बीजेपी
हरनौत विधानसभा सीट नीतीश कुमार की राजनीति का गढ़ मानी जाती है। 2025 में इस सीट पर बड़ी सियासी जंग देखने को मिल सकती है। अगर निशांत कुमार चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला काफी रोचक हो सकता है। साथ ही बिहार की सियासत में बेटों की राजनीति का एक नया अध्याय देखने को मिलेगा। यह देखना होगा कि नीतीश अपने बेटे के लिए लालू से कितना बीस साबित होते हैं। परिवारवाद की राजनीति के खिलाफत करने वाली बीजेपी नीतीश के बेटे का चुनाव लड़ने पर क्या कहती है,यह विपक्ष भी सुनना चाहेगा।