
Police conducted an operation of the eyes of naxalite sangeetas mother
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। तीन राज्यों की पुलिस को नक्सली संगीता की तलाश है। उस पर 45 लाख रुपए का इनाम है।वर्दी वालों को वो अपना दुश्मन मानती है। जहां भी पुलिस वालों को देखती है,उन पर फायरिंग कर देती है। पन्द्रह साल की उम्र में ही वो नक्सली बन गयी। उसकी माॅ की ऑख का ऑपरेशन उसी वर्दी वालों ने कराया जिन्हें वो अपना दुश्मन समझती है।
गांवों वालों से बड़ी उम्मीद
एकल सुविधा केंद्र के माध्यम से पुलिस ने राशिमेटा निवासी महिला नक्सली संगीता की माँ चम्पोबाई समेत कई ग्रामीणों की आँखों का आॅपरेशन करवाया है। जिसके बाद ग्रामीणो की आंखो की रौशनी लौट आई है और उनके मन मे पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ गया हैं। उम्मीद है कि इसी विश्वास के नजरिये से वे लोग अपने गावं की नक्सली बेटी संगीता को मनाकर उसे मुख्य धारा मे लौटाने का प्रयास करेगे।
कभी राशिमेटा नक्सलियों का अड्डा था
विकास और सुरक्षा से माओवाद दम तोड़ रहा है। बिरसा क्षेत्र का राशिमेटा गांव कभी माओवादियों का अड्डा हुआ करता था। माओवादी संगीता और संपत इसी गांव से हैं। जिस कारण माओवादी कभीभी राशन-पानी मांगने राशिमेटा आ जाते थे। लेकिन क्षेत्र में विकास और सुरक्षा व्यवस्था ने अनेक सकारात्मक बदलाव लाये हैं। अब नक्सलवाद को खत्म करने पुलिस एकल सुविधा केंद्र की शुरूआत की है। जिसके जरिये लोगो को सुविधायें और बीमार पीड़ितो का इलाज करवाया जा रहा है।
इनका कहना है
एकल सुविधा केंद्र के जरिये लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हमने पाया कि लोगों को शारीरिक समस्यायें भी हैं और उनका इलाज करवाया जाना चाहियें। जिसे लेकर हमनें स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन प्रारंभ किया है। कैंपो में काफी लोग जुड रहे हैं और यही भरोसे की नींव है। राशिमेटा में कैंप में हमें नक्सली संगीता की मां मिली जिन्होंने अपनी समस्यायें बताई थी। हमने उनकी समस्या को गंभीरता से लिया और उनकी आंखो का इलाज करवाया। लोगों को बेसिक सुविधा मिले हम लोगों तक पहुंचे यही हमारा उद्देश्य है।
आदित्य मिश्रा, एसपी बालाघाट।