
Police away from political mafia drug mafiya ,koeaxis property fridge
* डिप्टी CM का रीवा उड़ रहा
* हर माह पांच से दस करोड़ का ड्रग्स कारोबार
* सियासी संरक्षण मिला ड्रग माफियाओं को
* आई जी ड्रग्स माफिया पर नकेल नहीं लगा पाए
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के रीवा में नशे से है दूरी जरूरी अभियान पुलिस का खत्म हो गया। लेकिन रीवा संभाग में नशे के बढ़ते कारोबार पर नकेल नहीं लगा। जिन ड्रग माफिया पर सियासी हाथ है,उन तक पुलिस नहीं पहुंची। जबकि आईजी ने दावा किया था कि कोई कितना भी बड़ा ड्रग माफिया हो।उसे किसी का भी संरक्षण हो,उसे जेल जाना ही पड़ेगा। और हर माह सियासी आका के संरक्षण के चलते पांच से दस करोड़ का ड्रग, कोरेक्स, गांजा,चरस,कोकीन धड़ल्ले से बिक रहा है।एक ड्रग माफिया विजय साहू की अचल संपत्ती फ्रीज करके पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। जबकि सियासी आका के ड्रग माफिया के कालर तक पुलिस का हाथ नहीं गया। सवाल यह है कि भैया के वो कौन लोग हैं,जिन पर पुलिस हाथ डालने से बिदकती है।
डिप्टी सीएम का रीवा उड़ रहा
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला कहते हैं वो लोग भी रीवा की तरक्की देखें जो कहते हैं रीवा उड़ता पंजाब बन गया है। रीवा अब उड़ता पंजाब नहीं बल्कि उन्न्त रीवा बन रहा है।सवाल यह है कि डिप्टी सीएम अपने रीवा में ड्रग्स के धंधे को बंद क्यों नहीं कराना चाहते।यदि विकास की उपलब्धि उनके हिस्से में है तो नाकामी भी उनके खाते में ही आयेगी। बाहर के आने वाले यहां से जाने के बाद यही कहते हैं डिप्टी सीएम का रीवा उड़ रहा है।
किसने बनाया ड्रग माफिया
पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है कि रीवा में कोरेक्स के जरिये दो करोड़ से अधिक की संपत्ती अर्जित कर लेेने वाले तस्कर विजय साहू उर्फ बुच्ची की अचल संपत्ति को फ्रीज करा दिया। विंध्य में वह ड्रग माफिया के नाम से जाना जाता है।विजय साहू 2007 से नशे की तस्करी में सक्रिय था और उस पर रीवा जिले में 17 से ज्यादा केस दर्ज हैं। 2018 से 2025 के बीच वह विंध्य में ड्रग माफिया के रूप में पहचाना जाने लगा। पुलिस को यह बताना चाहिए कि सन् 2007 से वो किस नेता के प्रश्रय पर ड्रग माफिया बना। किस सियासी का हाथ उसकी पीठ पर था। ऐसे कितने लोग हैं जिन्हें सियासी आका का सहयोग मिल रहा हैं।
अचल संपत्तियां पत्नी और साले के नाम
चोरहटा पुलिस ने विभिन्न विभागों की मदद से दस्तावेज और सबूत जुटाकर सफेमा कोर्ट मुंबई में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कोर्ट ने पुलिस के दस्तावेज के आधार पर विजय साहू ने नशे के जरिये अचल संपत्तियां बनाई है उसे माना और उसेे फ्रीज करने का आदेश दिया। फ्रीज की गई संपत्तियां रीवा और कटनी शहर में हैं। सभी अचल संपत्तियां विजय साहू की पत्नी और साले के नाम हैं।
रीवा जोन की पहली कार्रवाई
सीएसपी डाॅक्टर रितु उपाध्याय ने बताया कि यह रीवा जोन में पहली ड्रग माफिया के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हुई है। ड्रग तस्कर की संपत्ति को फ्रीज किया गया है। इससे नशे के अवैध कारोबार में शामिल लोगों के हौसले पस्त होंगे और युवाओं को भी चेतावनी मिलेगी। इस रास्ते पर चलने का अंजाम बेहतर नहीं होता। जेल जाना पड़ता है। जिन्दगी खराब हो जाती है।
पुलिस का अपना संदेश
ड्रग माफिया विजय साहू के खिलाफ हुई कार्रवाई के जरिये पुलिस कोरेक्स, गांजा, चरस,कोकीन आदि ड्रग के कारोबार में लिप्त लोगों को एक संदेश दे रही है कि तस्करी से कमाया गया पैसा उन्हें जेल की पहुंचाता है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि वो दिन कब आयेगा जब सियासी आका के ड्रग माफिया को पुलिस जेल में डालेगी।