
People ask for compensation at batera railway over bridge commercial rate
राष्ट्रमत न्यूज बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट में 38 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे भटेरा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य विवादों में फंस गया है। यहां के बाशिंदों का कहना है कि उन्हें कमर्शियल रेट पर मुआवजा दिया जाए। अभी आठ पिलर खाली जमीन पर बन कर तैयार हो गए हैं। अक्टूबर 2026 तक पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण विवाद के कारण लंबित हो सकता है।ओवरब्रिज 1313 मीटर लंबा और 8.4 मीटर चैड़ा होगा। इसमें कुल 42 पिलर बनाए जाने हैं। जिनमें से अभी तक सिर्फ 8 पिलर का निर्माण हो पाया है। प्रशासन ने 20 करोड़ रुपए ही मुआवजा के लिए दिये हैं।
20 करोड़ मुआवजा राशि उपलब्ध
सेतु संभाग के एसडीओ अर्जुनसिंह सनोडिया ने बताया कि खाली जमीन पर कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण बचा कार्य प्रभावित हो रहा है। सेतु विभाग ने प्रभावित लोगों के मुआवजे के लिए प्रशासन को 20 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करा दी है। हालांकि, प्रभावित लोग रेवेन्यू रिकॉर्ड के आधार पर तय किए गए मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं।
कॉमर्शियल दर मुआवजा चाहिए
स्थानीय निवासी कादिर अहमद ने कहा कि चूंकि यह क्षेत्र बालाघाट विकास योजना में कॉमर्शियल घोषित है, इसलिए मुआवजा भी कॉमर्शियल दर से मिलना चाहिए। वर्तमान में खाली जमीन का मुआवजा रेजिडेंशियल आधार पर 11,400 रुपए प्रति वर्गफीट तय किया गया है।प्रभावित लोगों का कहना है कि कॉमर्शियल दरें इससे अधिक हैं और मौजूदा मुआवजा राशि अपर्याप्त है। इस विवाद के कारण परियोजना के समय पर पूरा होने में संदेह पैदा हो गया है।