
Other get a chance after the age of 75- bhagwat
राष्ट्रमत न्यूज,नागपुर(ब्यूरो)।संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। जब आपको 75 साल पूरे होने पर शाल ओढ़ाई जाती है तो इसका मतलब होता है कि हमारी उम्र हो चुकी है, अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद से विपक्ष कह रहा है क्या मोदी भी रिटायर हो जाएंगे। वैसे उम्र की सीमा बीजेपी ने जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के लिए तय कर रखे हैं। वहीं अमितशाह का कहना है कि मोदीजी पर यह नियम लागू नहीं होता।
कई चेहरे बीजेपी में खुश
भागवत ने ये बातें रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहीं। हालांकि मोहन भागवत ने अपने बयान में पीएम मोदी का नाम नहीं लिया। लेकिन विपक्ष इसे प्रधानमंत्री से जोड़ रहे हैं। मोदी और भागवत इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे। मोहन के इस बयान से बीजेपी के अंदर कई चेहरे खिल सकते हैं कि इस उम्मीद से कि उन्हें पीएम बनने का मौका मिल सकता है। मोदी जब पीएम की रेस में थे तब शिवराज सिंह और डाॅ रमन सिंह का नाम उछला था।
मोदी खुद पालन करेंगे या नहीं
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा- PM मोदी ने आडवाणी, मुरली मनोहर, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं को जबरन रिटायरमेंट दिला दिया था। अब देखते हैं क्या मोदी इसका खुद पालन करेंगे या नहीं।
मंडलस्तर पर उम्र की सीमाएं लागू है
भाजपा के भीतर एक निश्चित उम्र तक पद पर बने रहने को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है। हालांकि, कुछ स्तरों पर उम्र सीमाएं लागू की गई हैं। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा निर्धारित की है। वहीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया था। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्र, जैसे कई नेता शामिल थे।
भाजपा ने कई नेता रिटायर किए
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में इससे कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी।लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया। 2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। उसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी।2019 लोकसभा चुनाव से पहले तब के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा- 75 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। उस चुनाव में सुमित्रा महाजन और हुकुमदेव नारायण यादव जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया।इसी तरह 2024 लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट 75 साल से ज्यादा उम्र की वजह से काट दिया गया।