
Once upon a time ,mtech baba used to pay salary to 400 pepople
प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयागराज में इस बार का महाकुंभ कई मामलों में याद किया जाएगा। इस महाकुंभ में देश विदेश से कई अनोखे साुध संत नजर आ रहे हैं। आइ आइ टी बाबा के बाद एमटेक बाबा इन दिनों चर्चा में है। ये बाबा पहले एक नामी कंपनी में 40 लाख रुपए सालाना पाते थे। इनके अंडर में चार सौ लोग काम करते थे। मोह माया त्याग कर निरंजनी अखाड़ेे से जुड़कर नागा सन्यासी का जीवन अपना लिया।
तेलुगू ब्राह्मण परिवार में जन्म
एमटेक बाबा का असली नाम दिंगबर कृष्ण गिरी है। इनका जन्म तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की। इसके बाद कई नामी कंपनियों में काम किया। आखिरी नौकरी उन्होंने दिल्ली में की थी। जहां वह एक निजी कंपनी में एक अच्छे पद पर थे।उनके अंदर करीब 400 से अधिक लोग काम करते थे। बाबा ने बताया कि 2010 में उन्होंने संन्यास लिया। 2019 में वो नागा साधु बने।
अखाड़ों को मेल किया
दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि सभी अखाड़ों को मेल करके मैंने उनसे जुड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन किसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। हरिद्वार गया तो वहां पर मेरा पास जो कुछ भी था उसे हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दिया। साधु का वेश धारण कर दस दिनों तक भीख मांगी। मेरा मानना था कि ज्यादा पैसा होने से आदतें खराब हो जाती हैं और दिमाग को शांति नहीं मिल पाती।
निरंजनी अखाड़े से ली दीक्षा
उन्होंने बताया. निरंजनी अखाड़ा को लेकर मैंने गूगल किया थाण् निरंजनी अखाड़ा जाकर मैंने महंत श्री राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा दी।साल 2019 में आग लगने के कारण से 2021 में मैंने अल्मोड़ा छोड़ दियाण् अभी उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहता हूं।