
Objection to 150 teacher in bilaspur,heavy error in surplus list,teacher will go to court
राष्ट्रमत न्यूज,बिलासपुर (ब्यूरो)। बिलासपुर में 755 शिक्षकों को अतिशेष बताया गया है। इनका ताबदला युक्तियुक्तकरण के तहत किया जा रहा है। हैरानी वाली बात है कि जिला शिक्षा विभाग के अतिशेष सूची में भारी अनियमितता है। आर्टस, कामर्स वाले शिक्षकों की सूची में सांइस के टीचर का नाम है। इस तबादला सूची में शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने लोगों के नाम जोड़ने और हटाने का काम खूब किया। जिस स्कूल में एक भी रिक्त पद नहीं है,प्राचार्य ने लिख कर दिया है। वहां रिक्त पद बताकर शिक्षक का स्थानांतरण किया गया। जहां रिक्त पद है, वहां तबादला नहीं किया गया। कई शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी पोस्टिग एक स्कूल में और उनके वेतन का आहरण दूसरे स्कूल से होगा। 150 शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज की है। वहीं साझा मंच ने कहा कि हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। सरकार की युक्तियुक्तकरण की नीति में भारी खामियां की वजह से शिक्षक जगत में असंतोष है। सरकार तबादला नीति के जरिये शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त कर रही है या विपक्ष के वोट बैंक को तहस नहस कर रही है,यह भी एक सवाल है।
काउंसलिंग में पारदर्शिता नहीं
जिले के जिन 755 शिक्षकों को अतिशेष बताया गया है, उसमें पूरी रात चहेतों का नाम हटाने और जोड़ने का काम चला। जिसके बाद जब काउंसलिंग हुई, तब शहर और आसपास के रिक्त पदों को छिपा दिया गया। काउंसलिंग में पारदर्शिता नहीं होने के कारण शिक्षकों ने जमकर नाराजगी भी जताई। इस दौरान 150 से ज्यादा शिक्षकों ने सूची पर आपत्ति दर्ज कराई। 50 से ज्यादा ने लिखित असहमति देकर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। आरोप है कि अफसरों ने मनमानी की है।शिक्षकों के मुताबिक विषय बंधन को समाप्त करने के राजपत्र के नियम को पूर्णतः दरकिनार किया गया है और युक्तियुक्तकरण नियम के मार्गदर्शी निर्देश का भी मिडिल स्कूल और प्राथमिक शालाओं में उल्लंघन किया गया है। हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल में अतिशेष घोषित करने में पक्षपात किया गया है।
आट्र्स और कॉमर्स की सूची में साइंस का टीचर
शिक्षकों ने अतिशेष सूची को लेकर गंभीर अनियमितता और मनमानी करने का आरोप लगाया है। जूनियर शिक्षकों को सीनियर बताकर उन्हें सूची से बाहर रखा गया है और कई योग्य शिक्षकों को जानबूझकर अतिशेष दिखाया गया। वहीं, विषयों की भी अनदेखी की गई। विज्ञान विषय के शिक्षकों को कला में और वाणिज्य के शिक्षकों को विज्ञान की सूची में डाल दिया गया।
ऐसी गड़बड़ियां बहुत है
शिक्षक नेताओं ने कहा कि मस्तूरी विकासखंड के मानिकचौरी संकुल के प्राथमिक शाला मानिक चौरी में छात्रों की संख्या 318 है, जहां पर तीन सहायक शिक्षक कार्यरत है। यहां एक भी रिक्त पद नहीं बताया गया है।वहीं, उसी संकुल में शासकीय प्राथमिक शाला रहटाटोर में छात्र संख्या 171 में तीन सहायक शिक्षक कार्यरत है, जहां पर सहायक शिक्षक के 3 रिक्त पद प्रदर्शित कर काउंसलिंग से भरने के लिए दिखाया गया। जबकि, उससे अधिक दर्ज संख्या वाले मानिकचौरी स्कूल में रिक्त पद प्रदर्शित नहीं है। इस तरह की गड़बड़ियां जिले के कई स्कूलों में की गई है।
रिटायर होने वाले शिक्षकों का भी तबादला
युक्तियुक्तकरण और अतिशेष की इस प्रक्रिया में रिटायरमेंट के करीब पहुंचे शिक्षकों पर भी रहम नहीं किया गया है। लिस्ट में 2025 और 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले 19 शिक्षक हैं, जिनमें 11 सहायक शिक्षक, एक प्राथमिक शाला प्रधान पाठक और 7 व्याख्याता शामिल हैं। जिन्हें अतिशेष बताकर दूसरी जगह पदस्थ किया गया है।
कार्यालय से पावती नहीं दी गई
शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले में सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता सभी संवर्गों की काउंसलिंग आयोजित की गई थी । अमूमन सभी संवर्ग में अतिशेष घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर असंतोष देखा गया, स्थल में उपस्थित होकर हमने पाया कि विषय बंधन को समाप्त करने के राजपत्र के नियम को दरकिनार किया गया है।दावा आपत्ति किया गया। लेकिन, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पावती नहीं दी गई। वे डरते रहे की पावती देने के बाद शिक्षक चढ़ाई कर देंगे। सहायक शिक्षकों के काउंसलिंग स्थान में भारी असंतोष देखा गया।
हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे
अतिशेष घोषित करने की प्रक्रिया और शाला में शिक्षकों को रिक्त पद की प्रक्रिया को गलत तरीके से लागू किया गया है। संजय शर्मा ने कहा कि मंच के माध्यम से शिक्षकों से चर्चा की जाएगी, जिसके बाद काउंसलिंग के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन के अफसरों की मौजूदगी में गड़बड़ी की गई है। साथ ही शिक्षकों के तर्क और तथ्य को सुनने के बजाय अतिशेष घोषित सूची और स्कूलों की सूची के आधार पर सीधे-सीधे स्थल चयन करने का दबाव बनाया गया है। यह स्थिति केवल बिलासपुर जिले की ही नहीं पूरे प्रदेश के जिले की है। प्रदेश सरकार ने तबादला नीति बना दिया मगर अतिशेष सूची पर ठीक से काम नहीं किया।