
Nun will get bell or jail,tomorrow NIA court will decide
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर (ब्यूरो)। केरल की दो ननों की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। दिल्ली तक यह सियासत गरमाई थी। छत्तीसगढ़ में नन की गिरफ्तारी के बाद सियासी विस्फोट हुआ। अदालत से सड़क तक हंगामा हुआ था। दुर्ग सेसन कोर्ट ने यह कहकर मामला वापस कर दिया कि उन्हें अधिकार नहीं ऐसे मामले सुनने के। वहीं ननों के खिलाफ पुलिस के पास कोई प्रमाण नहीं है कि वो मानव तस्करी से जुड़ी हैं। अबुझमाड़ की कमलेश्वरी का कहना है कि वो अपनी मर्जी से आगरा जा रहा थी। ननों पर झूठा अरोप लगाया गया है। पीटकर जबरन बयान लिया गया है। एनआईए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कल फैसला आएगा दोनों ननों को बेल मिलती है या जेल में ही रहेंगी।
ननों पर झूठा आरोप लगाया गया
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार दो ननों के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर NIA कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने अपनी दलीलें दर्ज कराईं। वहीं NIA ने आरोपों को सही ठहराने के लिए अपनी तैयारी पेश की।NIA कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। NIA कोर्ट के जज सिराजुद्दीन कुरैशी शनिवार को ननों की जमानत पर फैसला सुनाएंगे। वहीं अब सबकी निगाहें NIA कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, क्या कोर्ट ननों को बेल देगा या उन्हें फिर जेल भेजेगा? अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने कहा है कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है।
पुलिस के पास कोई भी सबूत नहीं
वहीं बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि NIA कोर्ट के सामने सभी बातें रखी गई है। ननों के खिलाफ जिस तरीके से जो डायरी में मटेरियल आया है, उसे कोर्ट को बताया गया है। ननों के खिलाफ पुलिस के पास कोई भी सबूत नहीं हैं। प्रॉसीक्यूशन ने इंट्रोगेशन की डिमांड नहीं की। हमने कोर्ट से अपील की है कि ननों को कस्टडी में रखने की जरूरत ही नहीं है।
कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई
वहीं NIA के वकील ने दाऊ चंद्रवंशी ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। अभी कोर्ट से ऑर्डर नहीं आया है। फैसला सुरक्षित रखा गया है। ननों के पक्ष से बताया गया है कि मानव तस्करी का मामला नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि ये मानव तस्करी है। इसलिए कोर्ट में विरोध किया गया है। बाकी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।वहीं ननों के साथ पकड़ाई नारायणपुर के अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने कहा है कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है। हमसे मारपीट कर जबरदस्ती बयान लिया गया। मेरा पूरा परिवार पिछले 5-6 साल से ईसाई धर्म को मान रहा है।
पूरा परिवार ईसाई धर्म मान रहा
कमलेश्वरी प्रधान ने कहा कि, कुछ साल पहले मेरी मां बहुत ज्यादा बीमार थी। अस्पताल लेकर गए, अलग-अलग गांवों में भी देसी इलाज करवाए लेकिन ठीक नहीं हुईं। जब यहां गए (चर्च) तो एक दिन में इलाज हो गया। एक दिन में ठीक हो गईं। जिसके बाद हमारा ईसाई धर्म के प्रति विश्वास बढ़ गया। पूरा परिवार इस धर्म को मानने लगा।
पांच सांसदों ने मुलाकात की
बता दें कि दुर्ग जेल में बंद ननों से आज केरल के पांच सांसदों ने मुलाकात की। इनसे पहले CPM महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सेंट्रल कमेटी मेंबर पीके श्रीमती, पूर्व सांसद सीएस सुजाता शामिल रहे। पीके श्रीमती ने बताया कि सिस्टर्स से करीब 15 से 20 मिनट मुलाकात हुई। हम सभी सिस्टर्स के साथ हैं। वे यहां लोगों की मदद करने और एजुकेट करने के लिए आईं थी।
नारायणपुर की इन 3 युवतियों को दुर्ग रेलवे स्टेशन से छुड़ाया गया है।
कोर्ट में याचिका खारिज
दुर्ग में केरल की दो ननों की गिरफ्तारी मामले में लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने कहा हमें यह प्रकरण सुनने का अधिकार नहीं है। यह मानव तस्करी से जुड़ा मामला था, जिसमें बिलासपुर NIA कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है।
केरल के पांच सांसद दुर्ग जेल में ननों से मिले
- कोडिकुन्निल सुरेश,एंटो एंटनी,डीन कुरियाकोसे,हिबी ईडन,राज मोहन उन्नीथन,ननों से मुलाकात के दौरान केरल के पांचों सांसदों के साथ प्रदेश कांग्रेस सह-प्रभारी जरिता लैतफलांग, दुर्ग शहर से पूर्व विधायक अरूण वोरा भी मौजूद रहे। इसके बाद रायपुर में ननों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन की तैयारी है। इस विरोध प्रदर्शन में केरल सांसदों के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।