
Chief minister will give a gift of rs 5175 crore to mauganj
भोपाल। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव आज छह दिन UK और जर्मनी की यात्रा कर भोपाल लौटने पर कहा कि दोनों देशों से MP को 78 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। जर्मनी की ओर से 18 हजार करोड़, इसके पहले यूके की ओर से 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं।CM ने कहा कि जर्मनी और इंग्लैंड से पीएम मोदी का संबंध कैसे जुड़ रहा है, इसका हमें भी आनंद आ रहा है। अर्थव्यवस्था में इंग्लैंड को हम पीछे छोड़कर पांचवें नंबर पर आ गए हैं, व छठवें नंबर पर पहुंच गया है। अब दूसरा जर्मनी हमसे आगे है, अब हम जर्मनी को पीछे कर आगे होंगे।
जर्मन भाषा सिखा दो
CM ने कहा, ‘आज UK हो, जर्मनी हो, दोनों देशों को बड़े पैमाने पर हमारे स्किल्ड युवाओं की दरकार है। हमसे तो यहां तक कहा गया कि 5वीं फेल हो, उसे थोड़ी जर्मन भाषा सिखा दो, रोजगार दे देंगे। जर्मनी के अंदर फ्रेंड्स ऑफ MP का ग्रुप बनाया है, ऐसा ही ग्रुप हमने इंग्लैंड में भी बनाया है।’
जमीन आवंटन की मंजूरी
भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम ने कहा, ‘लंदन में खासतौर पर माइनिंग सेक्टर, हेल्थ, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे सेक्टर में प्रस्ताव मिले हैं। जर्मनी ने हेल्थ और फार्मास्यूटिकल में दिलचस्पी दिखाई है। सिर्फ एक जर्मन फार्मास्यूटिकल कंपनी से ही 3000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मिला है। वहां से ही जमीन आवंटन की मंजूरी उन्हें दे दी।’सीएम ने बताया, ‘भोपाल के अचारपुरा में जर्मनी की कंपनी 100 करोड़ रुपए निवेश करेगी। जब हम लोग अयस्क की बात कर रहे थे,तब मिस्टर औद्योगिक घराने ने कहा कि हम बड़े स्तर पर निवेश करना चाहते हैं।’
नर्मदापुरम में रीजनल कॉन्क्लेव
सीएम ने बताया कि दिसंबर की 7 तारीख को नर्मदापुरम में रीजनल कॉन्क्लेव होने वाली है। अगले महीने में शहडोल में करेंगे और इसके बाद फरवरी में हम ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भोपाल में करेंगे। प्रदेश हर काम करने के लायक बने, इसीलिए हमने रीजनल कॉन्क्लेव को संभाग स्तर पर किया है। इसी तरह ग्लोबल स्तर पर हमारी राजधानी का महत्व बढ़ाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भोपाल में करेंगे।
डायनासोर के जीवाश्म का संबंधMP से
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार और जर्मनी के शोधकर्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एमओयू से सतपुड़ा क्षेत्र में पाए गए ट्राइऐसिक युग के जीवाश्मों पर संयुक्त रूप से शोध किया जा सकेगा। संग्रहालय में एक बेटी ने बताया कि यहां देख रहे डायनासोर के जीवाश्म का संबंध मध्यप्रदेश से है। उसने बताया कि दस वर्ष तक होशंगाबाद, इटारसी, सतपुड़ा रिजर्व के जंगलों में शोध कार्य किया है। धार और मांडू में डायनासोर के अंडे मौजूद हैं।