
No fertilizer in rewa
रीवा। जिले की 40 समितियां में डीएपी और एनपीके की खाद नहीं है। जिससे किसान भटक रहे हैं। जिले के डबल लाॅक गोदाम भी खाली हैं। किसानों को यूरिया खाद से ही संतोष करना पड़ रहा है। रबी बोनी के लिए किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं।
गौरतलब है कि जिले में 148 समितियां है। जिसमें से कई समितियां पहले से ही डिफाल्टर घोषित कर दी गयी हैं। डिफाल्टर समितियों में सितलहा, सरैया,बरहदी और सिलपरा है। जिले में 40 ऐसी समितियां चिन्हित की गयी हैं ,जहां डीएपी और एनपीके खाद नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को ब्लेक में बाजार से खरीदना पड़ रहा है।
दस हजार टन डीएपी चाहिए
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ ज्ञानेंद्र पांडे का कहना है कि समितियों में यूरिया की भरपूर उपलब्धता है। कमी सिर्फ डीएपी की है। कुछ समितियां में तो एनपीके उपलब्ध है लेकिन किसान इसे पसंद नहीं कर रहे। लिहाजा समितियां में 10000 टन डीएपी की आवश्यकता है। लेकिन जिले के डबल लाक डीएपी खाद से खाली पड़े हुए हैं । समितियां में खाद विपणन संघ के द्वारा सप्लाई की जाती है। जब वही नहीं है तो हमें खाद कैसे मिलेगी।