
NHM strike,one dies due to heart attack,cm house siege on 4 setember
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में 18 अगस्त से अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। मितानिन दीदी 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं।जगदलपुर में ब्लाक अकाउंट अधिकारी बीएस मरकाम की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वे बीते 12 दिनों से लगातार हड़ताल पर बैठे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही वहां मौजूद कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। सभी साथियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके संघर्ष को याद किया। इधर मितानिन दीदियों ने दो टुक कह दिया है कि उनकी मांग तीन सितम्बर तक पूरी नही हुई तो चार सितम्बर को प्रदेश के 75 हजार मितानिन दी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी।
अब आर पार की लड़ाई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विदेश से आ गये हैं। उन्हें मितानिन दीदियों की मांग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की मांगों पर विचार करना है। अन्यथा आने वाले समय में स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ प्रदेश की सियासत में खलबली मचेगी।इसलिए कि राजधानी रायपुर में मितानिन दीदियों ने प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि यदि उनकी तीन सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हुईं तो 4 सितंबर 2025 को 75 हजार से अधिक मितानिनें मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी। मितानिन दीदी 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं।
मितानिनों की मुख्य मांगें हैं
मानदेय में वृद्धि और सम्मानजनक पारिश्रमिक,नौकरी का नियमितीकरण,सामाजिक सुरक्षा योजनाएं,पेंशन,बीमा आदि।
मितानिन की हड़ताल का असर
गर्भवती महिलाओं की देखरेख प्रभावित,पोषण सेवाओं में रुकावट,प्राथमिक उपचार और दवा वितरण बंद,गांवों में मलेरिया, डेंगू, कुपोषण और मातृत्व देखभाल नहीं हो रहा, टीकाकरण अभियान बाधित है।
क्या है मितानिन योजना
मितानिन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी। यह छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य था गांवों में सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना। बाद में इस माडल को देखकर केंद्र सरकार ने 2005 में आशा कार्यकर्ता योजना शुरू की जो आज पूरे देश में लागू है।स्वास्थ्य विभाग ने बातचीत की कुछ कोशिशें की हैं लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया। मितानिनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं आंदोलन जारी रहेगा।